नई दिल्ली। केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच शुक्रवार को विज्ञान भवन में आठवें राउंड की बैठक ख़त्म हो गई। सरकार और किसान अपने-अपने फैसले पर अड़े हुए हैं। वहीं केंद्र सरकार ने आज की बैठक में साफ कर दिया कि वो कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी। वहीं किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। आज की बैठक में भी कोई हल नहीं निकलने के बाद सरकार और किसान नेताओं के बीच 15 जनवरी को एक बार फिर बैठक होगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बता दे कि इस मीटिंग में हर बार की तरह केंद्र सरकार के तीन मंत्री और 40 किसान नेता हिस्सा ले रहे हैं। सरकार को उम्मीद है कि आज की बैठक से कोई न कोई नतीजा जरूर निकलेगा। विज्ञान भवन में ढाई बजे से बैठक शुरू होने से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर भेंट की। इस दौरान तीनों मंत्रियों के बीच आज की बैठक को लेकर रणनीति बनी। अमित शाह से मिलकर बाहर निकले कृषि मंत्री तोमर ने मीडिया से बातचीत के दौरान आज की बैठक से सकारात्मक नतीजे निकलने की उम्मीद जताई।
आज शुरू हुई आठवें राउंड की बैठक में दो प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होनी है। पहला मुद्दा तीनों कृषि कानूनों की वापसी और दूसरा मुद्दा एमएसपी की गारंटी का है। 4 जनवरी को हुई पिछली बैठक में सिर्फ तीनों कृषि कानून के मुद्दे पर ही दोनों पक्षों में बातचीत हो पाई थी, एमएसपी के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई थी। ऐसे में किसान नेताओं का कहना है कि आज की बैठक में एमएसपी की कानूनी गारंटी पर भी खास तौर से चर्चा करेंगे।
बता दें कि कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर पहले ही कह चुके हैं कि कृषि कनूनों की वापसी नहीं होगी। हलांकि केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कानूनों की वापसी की जगह जरूरी संशोधन करने को वह तैयार है। लेकिन किसान नेताओं ने स्पष्ट कहा है कि वे संशोधन नहीं बल्कि कानूनों की वापसी चाहते हैं।
--आईएएनएस
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