नई दिल्ली। लोकसभा में बीते बुधवार को विपक्षी सदस्यों की ओर से आसन की तरफ पर्चा फेंके जाने की घटना को गंभीरता से लेते हुए स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार को नसीहत दी। उन्होंने दो टूक शब्दों में सांसदों को समझाया कि अगर सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली घटनाओं की पुनरावृति होती है तो फिर उन्हें मजबूरन ठोस कार्रवाई करने लिए मजबूर होना पड़ेगा। गुरुवार को विपक्ष के हंगामे के कारण पहले सदन की कार्यवाही 11:30 बजे तक स्थगित हुई, फिर 12:30 बजे और बाद में 2 बजे तक के लिए सदन स्थगित हुआ। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कल की घटना पर नाराजगी और दु:ख जाहिर करते हुए कहा, कल की सदन में हुई घटना से मुझे अत्यंत पीड़ा हुई है। आसन पर पर्चे फेंकना, आसन की अवमानना करना, हमारी संसदीय परम्पराओं के अनुरूप नही हैं। हम संसद की गरिमा का ध्यान नहीं रखेंगे तो हमारा संसदीय लोकतंत्र कैसे मजबूत होगा?
ओम बिरला ने कहा, मेरी कोशिश होती है कि सभी सदस्यों को बोलने का पयाप्त समय दूं और पूरा सम्मान दूं। क्या आप कल की घटना को संसदीय गरिमा के अनुरूप मानते हैं? हम इसे लोकतंत्र का मंदिर मांगते हैं। सदन सबके साथ न्याय करेगा। हम सबको सामूहिक निर्णय करना होगा कि कैसे सदन की गरिमा और सम्मान बढ़ा सकें?
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि पूरे विश्व में भारत का लोकतंत्र सबसे सशक्त है। मैं आपसे एक बार और कहना चाहता हूं कि आप व्यक्ति नहीं संस्था हैं। आप लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
ओम बिरला ने चेतावनी देते हुए कहा, लगातार सदस्य घटनाओं की पुनरावृति करते हैं। अगर संसद और सदन की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाली घटनाओं की पुनरावृति होती है तो मुझे सख्त कार्रवाई करनी पड़ेगी, ताकि सदन की गरिमा बनी रहे।
--आईएएनएस
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