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2017: केंद्र की नीतिगत पहल के बावजूद रियल एस्टेट में सालभर छाई रही मंदी


नई दिल्ली। रियल एस्टेट सेक्टर में सरकार की तरफ से कई नीतिगत पहल के बावजूद पूरे साल मंदी छाई रही, हालांकि किफायती आवास श्रेणी में अच्छी तेजी रही। संपत्ति सलाहकार और डेवलपर्स के अनुसार, नीतिगत सुधारों में आवासीय रियल एस्टेट के सौदे को पहले से कहीं अधिक पारदर्शी बनाने का वादा किया गया है और बाजार में आशा है कि 2018 में बिक्री में सुधार होगा और नई इकाइयां लांच होंगी तथा घर खरीदारों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। पिछले साल के अंत में केंद्र की आश्चर्यजनक नोटबंदी की घोषणा रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए असली झटका थी। इस बीच, रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (आरईआरए) को वित्तीय अनुशासन में सुधार, बाजार में पारदर्शिता को बढ़ावा देने और भ्रामक डेवलपर्स और दलालों से निपटने के लिए उपभोक्ताओं को स्पष्ट कानूनी विकल्प और भरोसा प्रदान करने के लिए लाया गया।

वहीं, कराधान पारदर्शिता में सुधार के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा बेनामी संपत्तियों के लेनदेन पर रोक लगाने के लिए बेनामी संपत्ति अधिनियम पारित किया गया। अनारक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी ने बताया, व्यापक सुधार किए गए हैं, जिससे भारतीय रियल एस्टेट कारोबार में सचमुच बहुत बदलाव आया है। जो काले धन को दूर करने और बाजार पारदर्शिता में सुधार पर केंद्रित है, ताकि देश के आवासीय अचल संपत्ति कारोबार को उपभोक्ताओं और निवेशकों के लिए बेहतर बनाया जा सके।

राष्ट्रीय रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के उपाध्यक्ष प्रवीण जैन ने कहा कि नोटबंदी और रेरा लागू करने तथा जीएसटी लागू होने के बाद सभी हितधारकों ने इंतजार करो और देखो की नीति अपना रखी है। जैन ने कहा, इससे क्षेत्र में कुछ हद तक मंदी आई है, क्योंकि हर कोई नोटबंदी, रेरा और जीएसटी के प्रभाव को समझने की कोशिश कर रहा है। कोई भी तब तक नए सौदे करने के लिए तैयार नहीं है, जब तक कि स्थायित्व न आ जाए। जेएलएल इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कंट्री हेड रमेश नायर ने कहा कि जीएसटी, निर्माणाधीन परियोजनाओं में घरों की खरीद पर लागू होता है, जिससे घर खरीदारों को या तो पूरी हुई परियोजनाएं खरीदने या अपने खरीद निर्णय को रोकने के लिए प्रेरित किया है। इसके अलावा, डेवलपर्स ने प्रमुख शहरों में रेरा के तहत अपंजीकृत परियोजनाओं की बिक्री रोक दी है।

नायर ने कहा, इन कारकों की वजह से 2017 की तीसरी तिमाही में शीर्ष सात में से पांच शहरों में तिमाही बिक्री सर्वकालिक रूप से कम 4.8 फीसदी पर आ गई है। साल 2017 की तीसरी तिमाही तक आवासीय परियोजनाओं की लांचिंग में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 33 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। साथ ही, किफायती आवास की श्रेणी में पहली तीन तिमाहियों में 27 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इनमें से ज्यादातर ने नए सरकारी नियमों का फायदा उठाते हुए और उस श्रेणी में घरों को लांच किया है।




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Web Title-Know all things about real estate business in year 2017
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