नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने शनिवार को निर्यातकों को माल के आयात पर उपलब्ध छूट को अगले छह महीनों के लिए 1 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है, जिसके बाद ई-वॉलेट योजना लागू की जाएगी। परिषद ने पिछले साल 6 अक्टूबर को हुई बैठक में यह उल्लेख किया था कि निर्यातकों को निर्यात के उद्देश्य के लिए आयात या कच्चे माल के आयात, कच्चे माल और तैयार वस्तुओं पर जीएसटी की अग्रिम भुगतान के कारण नकदी संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अंतरिम राहत के तहत, यह फैसला किया गया था कि जीएसटी लागू होने से पहले जिन पर कर छूट दिया जा रहा है, उन्हें 31 मार्च तक कर छूट दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, व्यापारी निर्यातकों के लिए उनके खरीदे गए सामानों पर जीएसटी के भुगतान के लिए 0.1 फीसदी की विशेष योजना पेश की गई थी।
ई-वॉलेट योजना मूलत: इलेक्ट्रॉनिक ई-वॉलेट है, जिसमें विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा वर्चुअल करेंसी रखी जाएगी। इस वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल निर्यातक खरीदे गए सामानों के जीएसटी और आईजीएसटी के भुगतान के लिए कर सकते हैं, ताकि उनके फंड ब्लॉक न हों। पिछले साल दिसंबर में, वित्त सचिव हसमुख अधिया ने ई-वॉलेट योजना को संचालित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के कार्यबल का गठन किया था।
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