नई
दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र बुलाने को लेकर कांग्रेस दो दिन से मोदी
सरकार पर निशाना साध रही है। इसके जवाब में केंद्र सरकार ने मंगलवार को साफ
कर दिया है कि संसद का शीतकालीन सत्र दिसंबर में होगा और सभी मुद्दों पर
चर्चा होगी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर
कहा कि संसद की गरिमा के प्रति कांग्रेस के बढ़ते प्रेम को देखकर आश्चर्य
हो रहा है। रविशंकर ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि राहुल गांधी संसद को
कितना समय देते हैं। उन्होंने का संसद का शीतकालीन सत्र दिसंबर में होगा और
सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इससे पहले कांग्रेस ने मंगलवार को
केंद्र सरकार पर जान बूझकर संसद के शीतकालीन सत्र में देरी करने का आरोप
लगाया। कांग्रेस का कहना है कि सरकार विपक्ष के सवालों से बचने की कोशिश कर
रही है जो गुजरात विधानसभा में उसकी संभावनओं को हानि पहुंचा सकते हैं।
कांग्रेस ने कहा, वे नहीं चाहते कि संसद में चर्चा हो, इसलिए शीतकालीन सत्र
को टालने के लिए विभिन्न तरह के बहाने बना रहे हैं। पार्टी ने कहा, अगर वे
संसद सत्र आहूत करते हैं और चर्चा के लिए आते हैं तो सबके सामने बेपर्दा
हो जाएंगे। संसद में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने एक संयुक्त प्रेस
वार्ता में कहा, वे सत्र को गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद बुलाने का
प्रयास कर रहे हैं। इस दौरान पार्टी के दूसरे नेता भी मौजूद रहे।
उन्होंने
कहा कि जो कुछ भी नरेंद्र मोदी की सरकार में हो रहा है वह लोकतंत्र पर हमला
है। उन्होंने कहा, इस सरकार के मंत्रियों और स्पीकर को भी नहीं पता की
सत्र कब बुलाया जाएगा। केवल एक शख्स को इस बात की जानकारी है और वह है
ब्रह्मा। आप लोकतंत्र को चलाने में मनमौजी नहीं हो सकते। इससे पहले
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर हमला बोलते हुए
कहा कि सरकार संसद का सामना करने से शरमा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार
जान बूझकर सत्र को टाल रही है ताकि भ्रष्टाचार, रोजगार में नाकामियों और
आर्थिक मोर्चे पर अपनी विफलता को छुपाया जा सके।
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