नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को एयर इंडिया में अप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति प्रदान कर दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को ये बात कही। एयर इंडिया में फिलहाल 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति थी। वहीं अनुसूचित विमान कंपनियों में कुछ शर्तों के साथ 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति है। सरकार दो साल में दूसरी बार एयर इंडिया के विनिवेश का प्रयास कर रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
27 जनवरी को एयर इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री का शुरुआती सूचना ज्ञापन (पीआईएम) निकाला गया। एयर इंडिया को खरीदने वालों की रेस में उद्योगपति गौतम अडाणी से लेकर टाटा समूह, हिंदुजा, इंडिगो और न्यूयॉर्क की इंटरप्स जैसे बड़े नाम हैं। सूत्रों ने बताया कि अडाणी समूह का विलय एवं अधिग्रहण विभाग एयर इंडिया के बोली दस्तावेजों की समीक्षा कर रहा है।
सभी कंपनियों के 17 मार्च तक इस संबंध में अपने रुचि पत्र जमा करने की उम्मीद है। एयर इंडिया को वर्ष 2018 में बेचने की पहली कोशिश असफल रहने के बाद सरकार ने इस बार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया है। दो साल पहले सरकार ने एयरलाइन में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया था।
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