नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को सभी राज्यों को निर्देश दिया कि व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), मास्क, वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों के निर्माण में गुणवत्ता एवं मानकों के स्तर पर कोई कमी नहीं होनी चाहिए। मंत्रिसमूह की बैठक में उन्होंने सुझाव दिया कि पीपीई, मास्क और वेंटिलेटर का निर्माण करते समय गुणवत्तापरक मानकों/प्रोटोकॉल संबंधी किसी भी तरह की कोताही बरतने पर निमार्ताओं के खिलाफ कड़ी सजा तय की जा सकती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, उन्होंने दोहराया कि किस व्यक्ति को किस प्रकार के मास्क का उपयोग करना चाहिए और किसी पीपीई का उपयोग करना चाहिए, इसके लिए विस्तृत सलाह और दिशानिर्देश मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए हैं और इस बारे में आईईसी अभियानों के माध्यम से भी जागरूक किया जा रहा है।
हर्षवर्धन ने इस बात पर जोर दिया कि सामाजिक दूरी और अलगाव कोविड-19 के खिलाफ सबसे प्रभावी सामाजिक वैक्सीन हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभी से व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रोटोकॉल का पालन करने का भी आग्रह किया।
यह 12वीं ऐसी बैठक थी, जिसमें कोविड-19 के प्रकोप पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने रणनीति बनाई। बैठक में राज्यों और राष्ट्र में कोविड-19 संबंधित मुद्दों के प्रबंधन की वर्तमान स्थिति, तैयारियों और कार्यों की समीक्षा की गई।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्यों को पहले से निर्धारित दिशानिदेशरें के अनुसार कोविड-19 केंद्रों या अस्पतालों की पहचान करने के लिए कहा जाएगा।
शुक्रवार की बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप एस. पुरी, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडाविया और स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने भाग लिया। बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी उपस्थित थे।
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