पटना। बिहार में छठी बार मुख्यमंत्री पद संभालने वाले नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल विस्तार करते हुए विभागों का बंटवारा कर दिया। नीतीश मंत्रिमंडल में बीजेपी कोटे से 11, जनता दल (यूनाइटेड) से 14 और लोजपा से एक विधायक और विधान पार्षद को जगह मिली है। दूसरी ओर, कई नेताओं की नाराजगी भी सामने आई है। शपथ ग्रहण से ठीक पहले से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी नाराज हो गए और नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी की ओर से न्योता मिलने के बाद भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शरद यादव महागबंधन टूटने के समय से ही नाराज चल रहे है,जिन्हें मनाने की कोशिश लगातार जारी है। वहीं, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने दावा किया कि उनकी शरद यादव से बात हुई है और वह नीतीश कुमार से नाराज हैं। लालू ने एक इंटरव्यू में कहा, शरद यादव ने मुझे फोन किया था। वह हमारे संपर्क में हैं और उन्होंने कहा है कि वह हमारे साथ हैं। शरद यादव अभी भी मीडिया से बात नहीं कर रहे हैं।
जीतन मांझी के निशाने पर पासवान
सूत्रों के अनुसार, जीतन राम मांझी अपने बेटे को नीतीश सरकार में मंत्री बनवाना चाहते थे। मांझी के बेटे किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, इस कारण उनके दावे को खारिज कर दिया गया। वहीं, जब शनिवार को कैबिनेट में रामविलास पासवान के भाई और एलजेपी नेता पशुपति कुमार पारस के मंत्री बनाने की खबर आई तो मांझी बुरी तरह भडक़ गए और शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। क्योंकि रामविलास पासवान के भाई और एलजेपी नेता पशुपति कुमार पारस भी किसी भी सदन के हिस्सा नहीं है। इसके बाद मांझी की नाराजगी सार्वजनिक हुई। उन्होंने कहा कि क्या पारस को सरकार में जगह दिया जाना परिवारवाद नहीं है। दलित नेता मांझी इस बात से नाराज हैं कि उनसे ज्यादा रामविलास पासवान को तरजीह दी गई है। आरजेडी सूत्रों के अनुसार, वह लालू प्रसाद यादव के भी संपर्क में हैं।
नीतीश से नाराज शरद को लालू का न्योता
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