स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने बताया कि राज्य के तीन अस्पतालों पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, गया के अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल और भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय को कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है। विभिन्न जिलों में कोविड केयर सेंटर के रूप में भी आइसोलेशन वार्ड की संख्या बढ़ायी गयी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 303 क्वारंटीन सेंटर के रूप में चिन्हित किये गये हैं, जिसमें होटल सहित अन्य स्थल भी शामिल हैं।
इधर, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रही संस्था स्वस्थ भारत न्यास के चेयरमेन आशुतोष सिंह कहते हैं कि सरकार को कोविड मरीजों के उपचार की बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों में तार्किक क्षमता अधिक है, जिससे वे सही कार्यों को भी तर्क से गलत साबित कर देते हैं। यही कारण है कि अभी भी यहां के लोग सोशल डिस्टेंसिंग को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावे शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में भी कमी है, जिससे मरीजों की संख्या बढ़ी है।
उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि बिहार के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य राज्यों के लोगों से अधिक है तथा बिहार के लोगों के रसोई घर पौष्टिक होता है, जिस कारण लोग इलाज के बाद ठीक भी हो रहे हैं।
--आईएएनएस
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