नालंदा। बिहारशरीफ के मोगल कुआं गुरुद्वारा में बिहार सिख फेडरेशन की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें नालंदा और पटना जिलों के सिख समुदाय के लोग शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता फेडरेशन के संस्थापक त्रिलोकी सिंह ने की। उन्होंने बताया कि बिहार में सिख समुदाय अल्पसंख्यक होने के बावजूद, राजनीतिक स्तर पर उनकी उपेक्षा होती रही है। ना तो विधानसभा, लोकसभा, और ना ही स्थानीय चुनावों में उन्हें प्रतिनिधित्व मिलता है, जिसके चलते उनकी आवाज सरकार तक नहीं पहुंच पाती है।
त्रिलोकी सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है कि सिख समुदाय अपने हक की लड़ाई के लिए संगठित हो। उन्होंने घोषणा की कि प्रत्येक जिले में स्थानीय स्तर पर संगठन बनाकर समुदाय को एकजुट किया जाएगा, ताकि उनकी सामूहिक ताकत बढ़ सके और वे अपने अधिकारों को हासिल कर सकें। इस उद्देश्य से नालंदा की पवित्र भूमि, जिसे गुरु नानक देव से जोड़कर देखा जाता है, से इस अभियान की शुरुआत की गई है। नालंदा में संगठन का विस्तार कर इसे अन्य जिलों में भी फैलाने की योजना बनाई गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बैठक में राकेश बिहारी शर्मा, रंजीत सिंह, शेर सिंह, दिलीप सिंह समेत अन्य प्रमुख सदस्य मौजूद थे, जिन्होंने फेडरेशन की इस पहल को समर्थन दिया और इसे सफल बनाने का संकल्प लिया।
यह बैठक सिख समुदाय के अधिकारों और उनके राजनीतिक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर जोर देती है, जो आने वाले समय में राज्य के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।
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