मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में
दोनों गठबंधन के नेता भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
केला व्यापारी और दिघी गांव निवासी अशोक सिंह उर्फ मालभोग सिंह कहते हैं कि
इसमें कोई शक नहीं कि केंद्रीय मंत्री पासवान ने इस क्षेत्र में कई विकास
के कार्य करवाए हैं, परंतु उन्होंने जितने साल इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व
किया और केंद्र में मंत्री रहे, उसकी तुलना में क्षेत्र में उनकी उपलब्धि
गिनने मात्र की है।
उन्होंने कहा कि अगर पासवान
चाहते तो अभी तक हाजीपुर में समस्याएं खोजने से भी नहीं मिलतीं, परंतु आज
गांव तो गांव शहर में भी कई समस्याएं हैं।
लेकिन छात्र अनुभव के लिए यह चुनाव राष्ट्रभक्ति का चुनाव है। क्षेत्र में
कोई भी उम्मीदवार हो, अपना वोट राष्ट्रभक्त पार्टी को दूंगा।
स्थानीय
मौजूदा सांसद रामविलास पासवान द्वारा काम नहीं कराए जाने के संबंध में
पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर सांसद ने काम नहीं करवाया तो राघोपुर और
महुआ के विधायक ने आज तक क्या कराया?
हाजीपुर के पत्रकार विकास आनंद का कहना है कि मुकाबला कांटे का है। जातीय
आधार पर इस क्षेत्र में यादव, राजपूत, भूमिहार, कुशवाहा और पासवान की
संख्या अधिक है। अति पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी चुनाव परिणाम को प्रभावित
करने की ताकत रखते हैं।
आनंद ने कहा कि दोनों
गठबंधनों में शामिल दलों को अपने वोट बैंक और काडर वोटों को अंतिम समय तक
सहेजकर रखना चुनौती है।
टिकट बंटवारे से नाराज चल रहे लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव
ने राजद उम्मीदवार शिवचंद्र राम के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। कहा जा रहा
है कि वह यहां से बालेन्द्र दास का समर्थन कर रहे हैं, जबकि राकांपा ने
यहां से पूर्व मंत्री दसई चौधरी और बसपा ने उमेश दास को उतार दिया है।
आनंद कहते हैं कि इन उम्मीदवारों में जीतने की क्षमता नहीं है, परंतु ये
वोट काटेंगे, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
हाजीपुर में पांचवें चरण में छह मई को मतदान होना है। मतगणना 23 मई को
होगी।
-आईएएनएस
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