हैदराबाद। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रंप ने कहा कि कई विकासशील देशों में महिलाओं के लिए न्यायसंगत कानून बनाने की दिशा में काफी कुछ किया गया है, लेकिन अभी काफी कुछ करना बाकी है। वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन (जीईएस) के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए इवांका ने कहा कि बात जब न्यायसंगत कानूनों की आती है तो कई विकसित और विकासशील देशों ने जबरदस्त प्रगति की है, ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लेकिन अभी भी काफी कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि कुछ देशों में महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाता, अकेले सफर करने नहीं दिया जाता, या बिना अपने पतियों के सहमति से काम करने नहीं दिया जाता। वहीं, कुछ अन्य देशों में सांस्कृतिक और पारिवारिक दवाब इतना ज्यादा होता है कि महिलाओं को घर से बाहर जाकर काम करने की आजादी नहीं मिलती।
उन्होंने कहा कि हमारा प्रशासन दुनिया भर में महिलाओं के लिए अधिक से अधिक अवसरों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है, इसे हमारे घरेलू सुधारों और अंतर्राष्ट्रीय पहलों के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब कोई महिला काम करती है, तो यह गुणक प्रभाव पैदा करता है और परिवार और समाज में और अधिक पुनर्निवेश करता है। उन्होंने कहा, जब महिलाएं काम करती हैं, तो इससे विशिष्ट गुणक प्रभाव पैदा होता है। महिलाओं द्वारा पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को नौकरी देने की संभावना अधिक होती है, और उन्हें पूंजी, परामर्श और नेटवर्क तक पहुंच प्रदान करती है।
महिलाओं द्वारा अपने परिवारों और समुदायों में अपनी आय को फिर से निवेश करने की संभावना अधिक होती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बात के लिए सराहना की कि उनका मानना है कि महिलाओं के सशक्तीकरण के बिना मानवता की प्रगति अधूरी है। उन्होंने कहा, यह बात मान लें कि यदि भारत श्रम शक्ति में लिंगभेद को आधा भी कम कर देता है तो आपकी अर्थव्यवस्था अगले तीन सालों में 150 अरब डॉलर से अधिक बढ़ेगी।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 99 रन से हराया, वनडे सीरीज पर कब्जा, गिल-अय्यर और अश्विन के आगे पस्त हुए कंगारू
सात फेरे लेकर एक दूजे के हुए राघव और परिणीति, 18 बोट्स से पहुंची बारात
दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया- बृजभूषण ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा
Daily Horoscope