धर्मशाला। प्रसिद्ध लेखक, वृत्तचित्र फिल्म निर्माता एवं जनसम्पर्क विभाग से सेवानिवृत संयुक्त निदेशक राजेन्द्र राजन ने कहा कि महिलाओं का सशक्त होना ही समाज के सर्वांगीण विकास को दर्शाता है। उन्होंने महिलाओं से अपनी शक्ति को पहचानने का आह्वान करते हुए कहा कि देश एवं प्रदेश के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर को ऊपर उठाने में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी तथा उनके निर्णय लेने की क्षमता और प्रबंधन कौशल का विशेष योगदान और महत्व है। वे शुक्रवार को उनके द्वारा निर्मित वृत्तचित्र फिल्म ‘मैं श्रेष्ठा हूं’ के लॉयंस क्लब के सौजन्य से स्थानीय लॉयंस सभागार में प्रदर्शन करने के बाद संबोधित कर रहे थे। यह वृत्तचित्र अजय पाराशर की कहानी ‘नाराजगी’ से प्रेरित है।
उन्होंने बताया कि यह फिल्म पूरी तरह से महिलाओं के जीवन को चरितार्थ करती है। किस तरह एक महिला जो एचआईवी से पीड़ित थी, दूसरों के लिए प्रेरणादायक बन गई। इस अवसर पर श्रेष्ठा ने एड्स के बारे में कहा कि एड्स के संक्रमण के मुख्य कारणों में संक्रमित सुई का इस्तेमाल, संक्रमित रक्त, असुरक्षित यौन संबंध और संक्रमित मां से शिशु को खतरा बना रहता है।
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उन्होंने कहा कि एड्स के संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि हम
जीवनसाथी के प्रति वफादार रहें और असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं। उन्होंने
उपस्थित युवाओं तथा युवतियों से आग्रह किया कि वे शादी से पूर्व अपना
एचआईवी टेस्ट जरूर करवाएं, ताकि बाद में उन्हें किसी भी प्रकार की
कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े।
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लॉयंस
क्लब के सदस्यों ने इस अवसर पर श्रेष्ठा को सम्मानित किया। इस दौरान डिग्री
कॉलेज के पूर्व प्राचार्य आरपी चोपड़ा ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर
सूचना एवं जनसम्पर्क, क्षेत्रीय कार्यालय धर्मशाला के उपनिदेशक अजय पाराशर,
सचिव एसएस बैंस सहित लॉयंस क्लब के सदस्य तथा बड़ी संख्या में लोग मौजूद
थे।
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