हिमाचल
प्रदेश के ऊना की सुहानी और सुशेन एक ऐसी कला में माहिर हैं जिसे सुनकर कोई भी
दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाए। जिस उम्र में बच्चों को खुली आंखों से
किसी चीज को पढ़ने और पहचानने में दिक्कत होती है, उस काम को यह दोनों बच्चे आंखों
पर पट्टी बांध कर कर लेते हैं। विलक्षण प्रतिभा के धनी यह दोनों बच्चे आंखें बंद
करके और केवल सूंघकर ही रंग की पहचान करने के अलावा कुछ भी पढ़ने में भी पूरी तरह
से सक्षम हैं।
ऊना
के गुरुसर मोहल्ला के ललित कपूर की 10 साल की बेटी सुहानी और झलेड़ा के राजेन्द्र
कुमार का 11 साल का बेटा सुशेन दोनों ही इस विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं। ये दोनों
बंद आंखों से न केवल रंगों को पहचान लेते हैं, बल्कि किताब या अखबार सहित कहीं भी
लिखे हुए अक्षरों को भी आसानी से पढ़ लेते हैं।
ड्राइंग
में बेहतरीन रंग उकेरने वाली तीसरी कक्षा की छात्रा सुहानी और पांचवीं कक्षा के
छात्र सुशेन की इस प्रतिभा ने लोगों में भी कौतूहल जगा दिया है। यह दोनों बिना
देखे केवल चीजों को छूकर ही उनके रंग बता देते हैं। दोनों की मानें तो यह सब उनके
ट्रेनर राजेन्द्र कुमार की देन है। तीन महीने के मिड ब्रेन एक्टिवेशन कोर्स के बाद
ही यह दोनों बंद आंखों से यह सब कर पाने में सक्षम हो गए हैं।
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