मुंबई। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण करना दिन पर दिन मुुश्किल होता जा रहा है। ये इस वजह से है कि दोनों ही राज्यों (महाराष्ट्र और गुजरात) के किसान जमीन अधिग्रहण के मुआवजे से खुश नहीं नजर आ रहे। साथ ही कई किसानों ने अपनी जमीनें देने से भी इनकार कर दिया है। इस वजह से पीएम नरेंद्र मोदी का ये ड्रीम प्रोजेक्ट दिक्कतों में पड़ता दिख रहा है।
जापानी कॉन्सुल जनरल ने जताई चिंता
इस प्रोजेक्ट को लेकर जापानी उच्चाधिकारी भी खुश नहीं है। जापान के कॉन्सुल जनरल ने भी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट 2023 में पूरा होना है, इस तरीके से हमारे पास सिर्फ 5 साल हैं। ऐसे में भूमि अधिग्रहण का विवाद जल्द से जल्द सुलझना चाहिए। नहीं तो हम प्रोजक्ट को डेडलाइन तक पूरा नहीं कर पाएंगे।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ठाकरे ने जमीन नहीं देने के लिए की थी अपील
हाल में ही
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के किसानों ने बुलेट ट्रेन परियोजना के खिलाफ
कलेक्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन किया था। यहां के किसान जमीन अधिग्रहण के
तरीके और मुआवजे से खुश नहीं हैं। वहीं, लोक निर्माण विभाग द्वारा ठाणे के
शिल गांव के शिलफाटा इलाके में भूमि नापने का कार्य किया जा रहा था। इस काम
को राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के
कार्यकर्ताओं ने रुकवा भी दिया था। इससे पहले राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के
किसानों से अपील की थी कि वे मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए
अपनी भूमि नहीं दें।
पालघर जिले के वसई में एक जन सभा में ठाकरे ने कहा था,
यहां के लोगों को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन और मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेस
वे के लिए अपनी जमीन नहीं बेचनी चाहिए।
ये भी पढ़ें - सही समय पर दिखाने से एडी की बढ़ी हड्डी की सर्जरी से बच सकते है