अजमेर। तीर्थ गुरु कहे जाने वाले पुष्कर सरोवर में गर्मी के मौसम में अक्सर जल का स्तर कम होने लगता है, जिससे न केवल सरोवर के जीव अकाल मौत का शिकार होने लगते हैं, बल्कि दर्शनार्थी भी बिना स्वच्छ पानी के दैनिक कर्म नहीं कर पाते हैं। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जलदाय विभाग ने अहम कदम उठाया और बंद पड़े नलकूपों को चालू करवाकर न केवल सरोवर को सूखने से बचाया, बल्कि श्रद्धा के केंद्र को गुलजार कर दिया।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्देशानुसार पुष्कर कस्बे को बीसलपुर योजना से 30 लाख लीटर पानी प्रतिदिन की आपूर्ति की जाती थी, जिसमें से 3 लाख लीटर पानी पुष्कर सरोवर को दिया जाता था, लेकिन गर्मियां आने के साथ ही पानी कम पड़ने लगा तथा पानी के जीवों को बचाना जरूरी था। सरोवर में पर्याप्त पानी के लिए 10 से 11 लाख लीटर पानी की जरूरत पड़ती थी। विभाग ने इस समस्या के समाधान के लिए लंबे समय से बंद पड़े नलकूपों को दोबारा शुरू करवाने की व्यवस्था की।
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जलदाय विभाग ने बंद पड़े 8 में से 7 नलकूपों को ड्रिलिंग खंड की मशीनों से
सही करवाकर चालू करवाया। इन नलकूपों से प्रतिदिन 8 लाख लीटर पानी का
उत्पादन किया जा रहा है। इस तरह बीसलपुर योजना से प्राप्त 3 लाख लीटर पानी
और नलकूपों से मिला 8 लाख लीटर पानी यानी कुल 11 लाख लीटर पानी सरोवर में
डाला जा रहा है। पानी की उपलब्धता से न केवल सरोवर में फिर से जलीय जीवों
की अठखेलियां बढ़ गईं, वहीं दर्शनार्थियों की तादाद में इजाफा हुआ है। जलदाय
विभाग के प्रयासों को जिला प्रशासन ने भी खासा सराहा है।
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