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वास्कोडिगामा ( गोवा)/जयपुर । 100 साल से पहले हजारों साल और एक करोड़ साल पहले कैसा रहा होगा मानसून,इसको लेकर राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र (एनसीएओआर) में रिसर्च जारी है। इसमें भारत के वैज्ञानिकों के अलावा यूएसए, जापान,यूरोपियन देश, ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक भी आईओडीपी प्रोग्राम के तहत रिसर्च कर रहे है। इस रिसर्च के जरिये आने वाले मानसून तंत्र के बारे में पूर्वानुमान लगाना संभव हो पा रहा है।
राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. एम रविचंद्रन ने बताया कि इस रिसर्च के जरिये ही हम यह पता लगा पा रहे है कि हजारों या करोड़ साल पहले मानसून कैसा रहा होगा। इसके लिए समुद्री तलछट के सैंपल के जरिये अनुसंधान केंद्र में शोध कार्य जारी है।
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