चारा घोटाला : दोपहर 3 बजे आएगा फैसला, मुझे इंसाफ का भरोसा : लालू

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 23 दिसम्बर 2017, 11:19 AM (IST)

रांची। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर आज बड़ा फैसला आने वाला है। चारा घोटाला केस में लंबी सुनवाई के बाद रांची की स्पेशल सीबीआई अदालत अपना फैसला सुनाएगी। लालू समेत 22 आरोपियों पर ये निर्णय आना है।

पहले खबर आई थी कि सीबीआई की विशेष अदालत सुबह करीब 11 बजे अपना फैसला सुनाएगी। इसके लिए लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्रा सहित दूसरे अभियुक्त कोर्ट पहुंच चुके थे। लेकिन जब जज कोर्ट पहुंचे तो इसके बाद ये जानकारी सामने आई कि कोर्ट दोपहर 3 बजे अपना फैसला सुनाएगा।

फैसले का वक्त टलने के बाद लालू यादव समेत दूसरे आरोपी कोर्ट से लौट गए हैं। हालांकि, ये भी बात सामने आ रही है कि कोर्ट अपना फैसला सुरक्षित भी रख सकता है। लेकिन अगर कोर्ट का फैसला आया और लालू दोषी पाए गए तो माना जा रहा है कि उन्हें सीधे जेल भेज दिया जाएगा।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होने के लिए लालू प्रसाद यादव अपने छोटे बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ शुक्रवार शाम चार बजे पटना से रांची पहुंचे थे। रांची स्थित विशेष अदालत इस मामले में देवघर जिला राजकोष से फर्जी रूप से 84.5 लाख रुपये निकालने के लिए आरसी 64ए/96 के तहत फैसला सुनाएगी।

हमें न्याय व्यवस्था पर विश्वास है। उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा। जैसे 2जी स्कैम में बीजेपी का प्रोपगैंडा गलत साबित हुआ वैसे ही फिर होगाः तेजस्वी यादव

हमें विश्वास है कि न्याय मिलेगा। फैसला कुछ भी हो हम बिहार की जनता से अपील करते हैं कि कानून व्यवस्था बनाए रखेंः लालू प्रसाद यादव

इस मामले में 34 आरोपियों में से 11 की मौत हो चुकी है और वहीं एक सीबीआई गवाह बन गया। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई के विशेष न्यायधीश शिवपाल सिंह ने अभियुक्तों को अदालत में उपस्थित रहने के आदेश दिए थे।

लालू प्रसाद व मिश्रा पहले से ही चारा घोटाले के एक अन्य मामले में दोषी करार दिए जा चुके हैं और दोनों जमानत पर बाहर हैं। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में गबन की धारा 409 में दस वर्ष तक की और धारा 467 के तहत आजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है।
सीबीआई कोर्ट के फैसले से पहले लालू प्रसाद यादव ने विश्वास जताया की वह बरी होंगे। रांची में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, हमें देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है और हम उसका सम्मान करते हैं। जैसा 2जी में हुआ, अशोक चव्हाण का हुआ, वैसा ही हमारा भी होगा।

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क्या है चारा घोटाला-
सरकारी खजाने से अवैध तरीके से करीब 950 करोड़ रुपये की निकासी की कहानी को चारा घाटोला नाम दिया गया। पशुओं के चारे के लिए रखे धन की बंदरबांट कई राजनेता, बड़े नौकरशाह और फर्जी कंपनियों के आपूर्तिकर्ताओं ने मिलकर सुनियोजित तरीके से की थी।
चारा घोटाले पर गौर करें तो वर्ष 1993-94 में पश्चिम सिंहभूम जिले के तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे ने सबसे पहले चाईबासा कोषागार से 34 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी से जुड़े मामले को उजागर किया था और इसकी एक प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश किया था।

इसके बाद बिहार पुलिस (तब झारखंड एकीकृत बिहार का हिस्सा था) गुमला, रांची, पटना, डोरंडा और लोहरदग्गा के कोषागारों से फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध निकासी के मामले दर्ज किए गए। कई आपूर्तिकर्ताओं और पशुपालन विभाग के अधिकारियों को हिरासत में लिया गया। राज्यभर में दर्जनों मुकदमे दर्ज किए गए।

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