जयपुर। 13 दिन से चल रहा किसान आंदोलन बुधवार देर रात खत्म हो गया। किसान सभा सरकार के बीच साढ़े 11 घंटे चली वार्ता के बाद बुधवार देर रात 12:30 बजे किसान आंदोलन समाप्त हो गया। पन्त कृषि भवन में बुधवार दोपहर 1 बजे शुरू हुई बैठक रात साढ़े 12 बजे तक चली। वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। इसमें
मंत्रिमंडलीय समूह एवं किसान प्रतिनिधियों के बीच 11 मांगों पर सहमति बन गई।
किसानाें के रूपये
50,000 तक कर्ज माफी की मांग के सन्दर्भ में लिए जाने वाले निर्णय के लिए
विभिन्न राज्यों यथा-उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, केरल एवं अन्य
राज्यों द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया एवं इसके राजस्थान की परिस्थितियों के
संदर्भ में प्रभाव के अध्ययन, परीक्षण एवं विश्लेषण हेतु एक उच्च स्तरीय
विशेषज्ञ एवं तकनीकी कमेटी गठित किया जाना प्रस्तावित है जो इस संबंध में
समस्त संबंधित पक्षकारों से विचार-विमर्श कर एक माह में अपनी रिपोर्ट
प्रस्तुत करेगी।
वार्ता के दौरान मंत्रिमंडलीय
उपसमिति में कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी, जल संसाधन मंत्री, डाॅ.
रामप्रताप, सहकारिता एवं गोपालन मंत्री अजय सिंह, ऊर्जा
राज्यमंत्री पुष्पेन्द्र सिंह, विधायक अशोक परनामी तथा अखिल
भारतीय किसान सभा के प्रतिनिधियों के रूप में अमराराम, पेमाराम
सहित प्रमुख शासन सचिव कृषि नीलकमल दरबारी, प्रमुख शासन सचिव
सहकारिता अभय कुमार, संभागीय आयुक्त राजेश्वर सिंह, पुलिस
महानिरीक्षक हेमन्त प्रियदर्शी उपस्थित थे।
अखिल भारतीय किसान सभा के ज्ञापन पर की गई कार्यवाही
किसानाें की मांगें और विभागीय टिप्पणी
1 किसानों के सम्पूर्ण कर्जें माफ किये जाएं।
2 किसानों
को फसलों का लाभकारी मूल्य दिया जावें।
डाॅ. एम.एस. स्वामीनाथन की
अध्यक्षता वाले किसान आयोग लागू की जाये।
1 कृषि मंत्राी द्वारा स्पष्ट
किया गया कि स्वामीनाथन टास्क फोर्स की 80 प्रतिशत से अधिक सिफारिशे लागू
की जा चुकी है। 2 कृषि विकास की समस्त योजनाये डाॅ. एम. एस. स्वामीनाथन की टास्क फोर्स की सिफारिश पर ही आधारित है। 3 लागत मूल्य गणना एवं एम.एस.पी. सिफारिशो मे संशोधन हेतु भारत सरकार को लिखा गया है। पुनः निवेदन किया जायेगा।4
एम.एस.पी. खरीफ हेतु मंडी टैक्स मे रियायत स्वीकार योग्य एवं शीघ्र निर्णय
लेकर खरीफ 2017 उत्पाद के लिए इसी हफ्ते खरीद केन्द्र खोले जायेंगें ।
3 पशुओं के बेचने पर लगाई गई पाबन्दी का कानुन 2017 वापस लिया जावें। पशु व्यापारियों की सम्पूर्ण सुरक्षा की जावे। 1. इस कानून के क्रियान्वयन पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाई जा चुकी है। 2. पशु व्यापारियों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जायेगी।
4 आवारा पशुओं की समस्या का समाधान किया जावें। बछडों की ब्रिकी पर लगी रोक को हटाया जावें। 1.
बछडे़ के निर्यात हेतु आयु सीमा तीन वर्ष से घटा कर दो वर्ष किये जाने की
प्रक्रिया केबिनेट स्तरीय कमेटी द्वारा की जा रही हैं। रिपोर्ट शीध्र आने
के प्रयास है। 2. गौशालाओ का सुदृढीकरण सतत प्रक्रिया है। 3. प्रायोगिक तौर पर तारबंदी पर अनुदान योजना जारी। 4. वन अधिनियम में संशोधन हेतु भारत सरकार को सिफारिश भेजी जावेगी।
5
सहकारी समिति के कर्ज में कटौती बन्द की जावें, सभी किसानों को सहाकारी
समितियों से फसली ऋण दिया जावें।
सहकारिता मंत्राी द्वारा स्पष्ट किया
गया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल मे 57 हजार करोड के ब्याज मुक्त ऋण
वितरीत किए गए है जब कि विगत सरकार द्वारा समकक्ष अवधि मे मात्रा 24.87
हजार करोड रू. के ऋण ही वितरीत किए गए थे। इस क्षेत्रा मे भारत मे राज्य का
प्रथम स्थान है।
वर्ष 2017-18 मे ब्याज मुक्त
फसली ऋण के 15 हजार करोड के लक्ष्य के विरूद्व 8803 करोड की राशि 21.16 लाख
कृषको को वितरीत की गई है। शेष राशि रबी 2017-18 मे वितरित की जाऐगी।
6. 60
वर्ष की उम्र के बाद किसानों को 5000/- रू. मासिक पेशन दी जावें।
वर्तमान
मे सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत सभी पात्रा व्यक्तियो को वृद्वावस्था
पेन्शन देय है। पात्राता मे संशोधन हेतु उचित स्तर पर निर्णय लिया जावेगा।
मई 2017 से 75 वर्ष तक की आयु हेतु 500/-. इससे अधिक आयु हेतु 750/- प्रति
माह वृद्वावस्था पेन्शन देय है। आदोलन कर्ताओं ने भी स्वीकारा की रू.
5000/- की राशि ना भी हो तो सम्मानजनक राशि रू. 2000/- पर विचार किया जाना
चाहिए।
7 बेरोजगारों को रोजगार दिया जावे। वर्तमान मे मनरेगा योजना के तहत पात्रा व्यक्तियो को 100 दिवस का रोजगार दिया जा रहा है।
8
सीकर जिले के वाहनों को जिले में टोल मुक्त किया जावें।
वर्तमान मे
स्थानीय वाहनो को राष्ट्रीय राज मार्गों पर 10-20 कि.मी. के दायरे में
रियायती दर पर पास उपलब्ध कराने का प्रावधान है। अन्य मार्गाें हेतु सक्षम
स्तर पर विचार किया जावेगा।
9 सीकर जिले को नहर से जोडा जावें।
सिंचाई मंत्री ने स्पष्ट किया कि वर्तमान नहरी तन्त्र की क्षमता वृद्वि
हेतु राज्य सरकार द्वारा पंजाब सरकार के साथ एम.ओ.यू. के तहत कार्यवाही की
जा रही है। एवं समय-समय पर दिए गए सुझावों पर भी कार्यवाही की जाती है।
10 किसानों को खेती के लिए बिजली मुफ्त दी जावें।
मीटर श्रेणी के कृषि उपभोक्ताओं को 90 पैसे प्रति यूनिट की रियायती दर पर
बिजली दी जा रही है। अन्य जो शिकायतें किसानों की है वह स्थानीय स्तर पर
वार्ता कर निपटाई जा सकती है।
11
दलितों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाई जावें।
खाद्य सुरक्षा व मनरेगा को मजबूती से लागू किया जावें। दलितों,
अल्पसंख्यकों, महिलाओं के विरूद्व हो रहे अत्याचार की संख्या/दर मे निरंतर
गिरावट आई है एवं राज्य सरकार इसे और कम करने को कृत संकल्प है। कोई प्रकरण
विशेष/मुद्दा हो तो उसपर कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्यवाही की जाती है।
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की छात्रावृतियों के संबंध में ज्ञात कराया
गया कि तत्संबंध में प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा चुकी है एवं भारत सरकार
से राशि प्राप्त होते ही छात्रों के खातों में हस्तानांतरण की जायेगी।
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