शिवराज उपवास पर,किसानों का उसी पंडाल में उपवास,सिंधिया का सत्याग्रह...

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 10 जून 2017, 08:10 AM (IST)

भोपाल। प्रदेश में किसान आंदोलन के 9वें दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को प्रदेश में शांति बहाली के लिए उपवास पर बैठ गए हैं। उन्होंने राज्य में शांति बहाली तक उपवास करने का फैसला किया है। सीएम शिवराज के इस उपवास के लिए तमाम बड़े नेता और मंत्री दशहरा मैदान पहुंचे हैं। मंच पर सीएम की पत्नी साधना सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता बाबूलाल गौर, प्रभात झा समेत मंत्रिमंडल के कई सदस्य हैं। इस दौरान सीएम ने शांति की अपील करते हुए कहा, किसान दूसरों के बहकावे में न आए।


किसानों का उसी पंडाल में उपवास शुरू...
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरफ से कर्ज माफी का आश्वासन न मिलने पर किसानों ने भी उपवास शुरू कर दिया है। आम किसान यूनियन और राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के प्रतिनिधियों ने शनिवार शाम शिवराज से दशहरा मैदान में मुलाकात की और कर्ज माफी और लागत के आधार पर मूल्य तय करने की मांग उनके सामने रखी। आम किसान यूनियन के केदार सिरोही ने कहा, मुख्यमंत्री ने कर्ज माफी की मांग मानने से इंकार कर दिया है, लिहाजा मैंने और अन्य किसानों ने उसी पंडाल में उपवास शुरू कर दिया है।

सिंधिया का सत्याग्रह का ऐलान...

अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 72 घंटे का सत्याग्रह करने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस सांसद सिंधिया ने ऐलान किया है कि उनका सत्याग्रह 14 जून से होगा। किसानों की समस्याओं को लेकर ये सत्याग्रह किया जा रहा है।

शिवराज ने कहा...
उपवास पर बैठनेके बाद शिवराज ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के किसानों की हमदर्द है। उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों ने माहौल बिगाडऩे की कोशिश की। बच्चों के हाथों में पत्थर थमा दिए गए। आंदोलन तभी जायज है जब सरकार बात नहीं करे। हम तो बात करने के लिए तैयार हैं।’ उन्होंने कहा, ‘किसान के बिना मध्य प्रदेश आगे नहीं बढ़ सकता है। मैं हमेशा से किसानों के साथ खड़ा रहा हूं। हमारी सरकार ने मालवा को रेगिस्तान बनने से बचाया। मालवा इलाके में नर्मदा का पानी ले जाया गया। प्रदेश की 40 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई की व्यवस्था हुई। किसान दूसरों की बातों में नहीं आएं। जब-जब किसानों पर संकट की घड़ी आई, मैं उनके बीच गया। हमने किसानों को बिजली दी, पछले साल हमने प्याज खरीद कर किसानों को राहत दी थी।

सीएम शिवराज ने कहा, ‘इस बार राज्य में फसलों की बंपर पैदावार हुई है। जब जब पैदावार ज्यादा होती है, तो फसलों की कीमतें गिरती हैं। इस बार गेहूं, धान, सोयाबीन,आलू, प्याज की बंपर पैदावार हुई है। अन्न के भंडार भर गए हैं। हमने फैसला किया है कि प्याज का उत्पादन करने वाले किसानों से प्याज 8 रुपये प्रतिकिलो के भाव से खरीदा जाएगा। 10 जून से तूअर की खरीद 4,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किया जाएगा। मूंग, उड़द की भी सरकारी खरीद की जाएगी। राज्य सरकार किसानों की मेहनत बेकार नहीं जाने दी जाएगी। प्याज की खरीद जारी रहेगी।’ सीएम शिवराज ने साथ ही कहा कि खेती विकास का धंधा बने, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।
किसानों को मिलेगा लाभकारी मूल्य
सीएम ने आगे कहा, ‘किसानों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य देना मध्य प्रदेश की धरती पर सुनिश्चित कर दिया जाएगा। किसान और उपभोक्ता के बीच बिचौलिए को खत्म कर दिया जाएगा। सरकार केंद्र सरकार के समर्थन मूल्य पर फलस की खरीद करेगी। तुअर, मूंग और उर्द को सरकार खरीदेगी। बिना किसानों की अनुमति के उनकी जमीन नहीं खरीदी जाएगी। रबी और खरीफ दोनों फसल का कर्ज एक बार में दे दिया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य प्रदेश और जनता का विकास है।
आयोग और कोष बनाएगी सरकार
23 जून से 4 हजार प्रति क्विंटल की दर से अरहर, 5225 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मूंग खरीदा जाएगा। किसानों को लाभकारी मूल्य देना मध्यप्रदेश की धरती पर सुनिश्चित किया जाएगा। केंद्र सरकार के समर्थन मूल्य पर खरीदी। मध्यप्रदेश सरकार फसल में लागत कितनी आती है यह तय करने के लिए आयोग गठित किया जाएगा, और उस लागत के हिसाब से किसानों को लाभकारी मूल्य दिया जाएगा। इसके साथ किसानों की मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाया जा रहा है, बिचौलियों का खेल खत्म होगा।
कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन बोले- नहीं होगा किसानों का कर्ज माफ
इस बीच, प्रदेश के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन का इस मामले में एक विवादास्पद बयान आया है। उन्होंने कहा, ‘मध्यप्रदेश में कर्जमाफी का स्थान नहीं बनता, क्योंकि हमने किसान से ब्याज नहीं लिया, तो किस बात का कर्ज माफ होगा।’ उन्होंने इसी के साथ राज्य में हुई हिंसा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।

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भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी हुआ सक्रिय
उधर, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मध्य प्रदेश के केंद्रीय मंत्रियों को राज्य में भेजने पर विचार कर रहा है ताकि किसानों के गुस्से को काबू में किया जा सके। स्थानीय नेताओं के प्रति किसानों में गुस्से को देखते हुए शीर्ष नेतृत्व थावरचंद गहलोत और नरेंद्र सिंह तोमर जैसे कद्दावर नेताओं को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए भेजने पर विचार कर रहा है। गहलोत शनिवार और रविवार को मंदसौर में एक कबीरपंथी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। केंद्र गहलोत को अगले सप्ताह के शुरू में प्रभावित इलाके का दौरा करने को कह सकता है, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा विक्रम वर्मा जैसे लगभग रिटायर हो चुके नेताओं से भी स्थिति को सुधारने के लिए आग्रह किया जा रहा है। पार्टी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि युवाओं में रोजगार की कमी और किसानों को उनकी फलस का सही मूल्य नहीं मिलना भी इस आंदोलन का मुख्य कारण है। इंदौर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजवर्गीय पहले से ही किसानों से मुलाकात कर रहे हैं। यहां रेसीडेंसी कोठी में वह किसानों से उनकी समस्याओं पर बात कर रहे हैं।
सीएम के उपवास के लिए दशहरा मैदान में तीन लेयरों की सुरक्षा व्यवस्था की गई है। शहर के अलग-अलग इलाकों में 4000 से ज्यादा जवानों की तैनाती की गई है। इन जवानों को दंगा रोधी उपकरणों से लैस किया गया है। वहीं कांग्रेस के प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए कांग्रेस भवन के बाहर भी बड़ी संख्या में जवानों को तैनात किया गया है।
वहीं, कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री को उपवास नहीं, कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने लिखा, ‘मंदसौर के पीडि़त परिवार न्याय का इंतजार कर रहे हैं। बहुत हुई नौटंकी, अब राजधर्म अपनाइए।’ एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री दोषियों पर कार्रवाई करने, मृतकों के परिवारों को सांत्वना देने और जलते प्रदेश को शांत करने के बजाय उपवास-अनशन पर बैठने जा रहे हैं।’
कांग्रेस करेगी सीएम हाउस का घेराव
वहीं, कांग्रेस शनिवार को सीएम हाउस का घेराव करेगी। कांग्रेस कार्यकर्ता दोपहर 12 बजे पीसीसी से सीएम हाउस तक करेंगे मार्च। यह घेराव किसानों के मुद्दे पर सरकार की नीतियो और किसानों और दर्ज मुकदमों के खिलाफ है।
इंटेलिजेंस एजेंसी अलर्ट
- एमपी इंटेलिजेंस ने प्रदेश पुलिस को किया अलर्ट।
- किसान आंदोलन को लेकर पुलिस की छुट्टी स्थगित।
- पुलिस मुख्यालय ने सभी एसपी को सतर्क रहने के दिए निर्देश।
- आईजी एसपी और वरिष्ठ अधिकारी मैदान में रहेंगे तैनात।
- दंगा रोधी उपकरणों के साथ लैस रहेगा।
- पुलिस फोर्स को प्रदेशभर में आंदोलनकारी के उत्पात मचाने का मिला इनपुट।
- चक्काजाम, आगजनी, रेल रोको जैसे आंदोलन का इनपुट

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