जयपुर। अबूझ मुहूर्त में से एक वसंत पंचमी पर कहीं विद्या की देवी सरस्वती की आराधना के स्वर गूंजे तो कहीं शादी की शहनाइयां बजीं। विभिन्न प्रकार के संयोग में विभिन्न समाजों में सामूहिक विवाह हुए। बड़ी संख्या में नवयुगल परिणय सूत्र में बंधे। इसके साथ ही विद्यारंभ संस्कार के आयोजन भी हुए।
मां सरस्वती के अवतरण दिवस पर शहर की सभी शिक्षण संस्थाओं में सरस्वती माता की पूजा अर्चना की गई। बड़ी चौपड़ स्थित लक्ष्मीनारायण बाईजी मंदिर में महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम भारती के सान्निध्य में सरस्वती पूजन किया गया। इससे पूर्व ठाकुरजी का पंचामृत से अभिषेक कर पीली पोशाक धारण करवाई गई। रामगंज चौपड़ स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में सरस्वती पूजन हुआ। प्रधानाध्यापक महेश रावत, शाला प्रधान ज्योति शर्मा, अध्यापिका सुमन शर्मा, स्नेहलता सहित सभी अध्यापक-अध्यापिकाओं की उपस्थिति में विद्यार्थियों ने ज्ञान की देवी का पूजन किया। बच्चों ने कई सास्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दीं। ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में इस अवसर पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ किया गया। सुबह अखंड जाप का समापन हुआ। इसके बाद पंच कुंडीय यज्ञ हुआ। हजारों श्रद्धालुओं ने विश्व कल्याणार्थ आहुतियां अर्पित कीं। इस अवसर पर दीक्ष, मुंडन, विधारंभ, विवाह दिवस, पुंसवन, नामकरण, जन्मदिन, अन्नप्राशन संस्कार हुए। जोन प्रभारी अम्बिका प्रसाद श्रीवास्तव ने बसंत पंचमी के महत्व पर प्रकाश डाला। ताराचंद पंवार ने पूजन करवाया।
गोविंददेवजी का पाटोत्सव मनाया: शहर के आराध्य देव गोविंददेवजी मंदिर में ठाकुरजी का पाटोत्सव मनाया गया। आज झांकियों के समय में बदलाव रहा। मंगला झांकी सुबह 4 से 4.15 बजे तक रही। इसके बाद सुबह 4.45 से 5 बजे तक अभिषेक, तिथि पूजन हुआ। श्रद्घालुओं को पंचामृत प्रसादी वितरित ेकी गई। धूप झांकी सुबह 8.30 से 9.45 तक हुई। इससे पहले अधिवास, पूजन हुआ। श्रृंगार झांकी सुबह 10.30 से 11.15 तक हुई। महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में मां सरस्वती का पूजन किया गया। राजभोग की झांकी दोपहर 12 से 12.30 बजे तक हुई।
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सरस निकुंज में हुआ बधाई गान: सरस परिकर की ओर से आचार्य पीठ श्री सरस
निकुंज दरीबा पान में पीठाचार्य अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में
सुबह ठाकुर श्री सरस बिहारी का अभिषेक एवं श्रृंगार आरती के दर्शन हुए।
इसके बाद आर्चाय पीठ का विधिवत पूजन हुआ। महोत्सव में मंगलाचरण के साथ बधाई
गान शुरू हुआ जो शाम छह बजे तक चला।
खंडेलवाल समाज ने निकाली
शोभायात्रा: बसंत पंचमी को खंडेलवाल समाज दिवस के रूप में मनाते हुए श्री
खंडेलवाल वैश्य हितकारिणी सभा की ओर से शोभायात्रा निकाली गई। छोटी चौपड़
स्थित सीताराम मंदिर से लवाजमें के साथ निकाली गई शोभायात्रा में गंगा
माता, सरस्वती माता, संत सुदंरदास एवं बलरामदास महाराज की झांकियां शामिल
हुईं। समाज के लोग पीली पगड़ी एवं महिलाएं पीली साड़ी में शामिल हुईं।
शोभायात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुई स्टेशन रोड स्थित गंगा माता के
मंदिर पहुंची।
गायन से मनाई जयंती
रामगंज बाजार स्थित श्री
लाड़लीजी मंदिर में बंसत पंचमी महोत्सव मनाया गया। ठाकुर जी को गुलाल
अर्पित कर समाज पद नवलबसंत,नवलवृंदावन, मेरी कुंवर नवेली, नवबसंत, श्यामा
श्याम सलौनी सूरत को श्रूंगार बसंती का गायन किया गया। कार्यक्रम महंत
आचार्य सजंय गोस्वामी के सान्निध्य में किया गया।
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21 जोड़े बंधे परिणय सूत्र में: राजस्थान ब्राह्मण महासभा की ओर से बंसत पंचमी पर विद्याधर नगर स्थित परशुराम भवन में 17 वें सामूहिक विवाह स मेलन का आयोजन किया गया। स मेलन में समाज के 21 जोड़े विवाह सूत्र में बंधे। महासभा के प्रदेशाध्यक्ष पं. भंवर लाल शर्मा ने कहा कि सामाजिक समन्वय और आपसी मेले जोल बढ़ाने के लिए सामूहिक कामकाजों का सतत आयोजन आवश्यक है। विवाह स मेलन वर्तमान में समाजों की मांग है। महासभा के प्रवक्ता अश्विनी तिवाड़ी ने बताया कि प्रदेशस्तरीय सामूहिक विवाह स मेलन में सुबह 9 बजे बारात का स्वागत कार्यक्रम हुआ। दोपहर को पणिग्रहण संस्कार हुआ। इसके बाद आशीर्वाद समारोह हुआ। सम्मेलन में महासभा की ओर से नव दंपती आवश्यक वस्तुएं भेंट की गईं।
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