नई दिल्ली। बजट 2017 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निजी करदाताओं को बड़ी
छूट दी है। बुधवार को पेश बजट में वित्त मंत्री ने नए बजट प्रावधानों का
ऐलान किया। इसके मुताबिक, अब 3 लाख रुपये तक के सालाना आय वाले टैक्स देने
वालों की श्रेणी में नहीं आएंगे। पहले यह सीमा ढाई लाख रुपये तक थी। यानी
अब तीन लाख रुपये सालाना तक कमाने वालों की टैक्स देयता जीरो होगी।
पहले
ढाई से पांच लाख रुपये तक सालाना इनकम वालों को कुल आय का 10 प्रतिशत बतौर
टैक्स देना पड़ता था। अब इसे घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, तीन
से साढ़े तीन लाख रुपये इनकम वालों वालों को बस 2500 रुपये बतौर टैक्स देने
होंगे। इस नए फैसले की वजह से 5 लाख या उससे ज्यादा इनकम वालों को टैक्स
में अधिकतम 12,500 रुपये के आसपास की छूट मिलेगी। जेटली ने कुछ दूसरे अहम
ऐलान भी किए।
टैक्स छूट देने से होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई के
लिए 50 लाख से 1 करोड़ के बीच सालाना कमाने वाले को 10 पर्सेंट सरचार्ज भी
देना होगा। वहीं, 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों पर 15 पर्सेंट का अधिभार
जारी रहेगा। जेटली के मुताबिक, टैक्स घोषणा की प्रक्रिया को आसान बनाने के
लिए एक पृष्टीय फॉर्म लाने की योजना है।
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वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि समाज में
टैक्स चोरी एक आम बात हो गई है। नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा की गई रकम
से भी इस धारणा को बल मिला है। वित्त मंत्री ने बताया कि इस देश में 52 लाख
लोग 5 से 10 लाख सालाना आय दिखाते हैं। 99 लाख लोगों ने ढाई लाख से कम की
इनकम दिखाई।
वित्त मंत्री के मुताबिक, ये हालात तब हैं जब देश में एक साल
में 1.25 करोड़ से ज्यादा कारें बेची गई हैं। इसके अलावा, विदेश जाने वाले
भारतीय नागरिकों की संख्या 2015 में दो करोड़ से ज्यादा है। वित्त मंत्री
के मुताबिक, आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में टैक्स अनुपालन नहीं करने
वाला समाज है। वित्त मंत्री के मुताबिक, जब बहुत ज्यादा लोग टैक्स चोरी
करते हैं तो इनके हिस्से का भार उन लोगों पर पड़ता है, जो ईमानदारी से
टैक्स जमा करवाते हैं।
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