नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वित्त मंत्री
अरुण जेटली ने बजट भाषण पढना शुरू कर दिया। जैसे ही वित्त मंत्री बजट पेश
करने के लिए खडे हुए, विपक्ष ने लोकसभा में हंगामा शुरू किया लेकिन बाद में
शांत हो गए। जेटली बोले चालू घटा भी घटकर जीडीपी का 0.3 फीसदी रह गया है,
देश में एफडीआई का फ्लो बढा है। सरकार ने महंगाई को काबू करने में सफलता
पाई। अरुण जेटली ने कहा कि हमने अपनी आर्थिक नीतियों में काफी सुधार किया
है। भारत निर्माण उद्योग के मामले में दुनिया में छठे स्थाप पर पहुंच गया
है, पहले हम 9वें स्थान पर थे। 2017 में विकास की गति तेज होगी, सरकार ने
कालेधन पर लगाम लगाई, नोटबंदी भी बडा कदम रही। विश्व बैंक ने भारत की
जीडीपी वृद्धि को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है।
साथ ही उन्होनें कहा कि हम
जनधन, आधार और मोबाइल की दिशा में आगे बढ रहे हैं। साथ ही उन्होनें कहा कि
प्रधानमंत्री अवास योजना के तहत 2019 तक एक करोड घर दिए जाएंगे।
प्रधानमंत्री सडक़ योजना के मुताबिक रेकॉर्ड तेजी से सडक बनाई जा रही है।
मनरेगा के तहत जितने भी संसाधन हैं उनपर जियोटैग लगाने की बात है। मनरेगा
के लिए पिछले साल 38000 करोड दिए थे, इस बार बजट में 48000 करोड रुपये का
प्रावधान। सवा करोड लोगों ने भीम ऐप को अपनाया, भीम यूजर के लिए रेफरल
स्कीम है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 में 2.44
लाख करोड़ रुपये देने का लक्ष्य है।
सरकार काला ज्वर, फाइलेरिया को 2017,
लेप्रोसी को 2018, चेचक को 2020 और टीबी को 2025 तक खत्म करने को प्रतिबद्ध
है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में पीएम आवास योजना के फंड को 23000 करोड रुपये
तक बढाया गया। विदेशी निवेश को मंजूरी देने वाला एफआईपीबी खत्म किया
जाएगा। 3 लाख 96 हजार करोड़ रुपये का फंड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए और यह अब
तक का रेकॉर्ड है। मुख्य डाकघरों को पासपोर्ट सेवा देने का फ्रंट कार्यालय
बनाया जाएगा। डेढ लाख गांवों में ब्रॉडबैंड सेवा पहुंचाई जाएगी।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 में 2.44 लाख करोड
रुपये देने का लक्ष्य।
भारत नेट प्रॉजेक्ट को 10,000 करोड़ रुपये और
ट्रांसपॉर्ट सेक्टर को 2.41 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए। प्रधानमंत्री
ग्राम सडक़ योजना के तहत रोज 133 किलोमीटर लंबी सडक बनाई जाएगी। सरकार अपने
सोलर पावर प्रॉजेक्ट को 20,000 मेगावॉट तक लेकर जाएगी। हाइवे के लिए 64
हजार 900 करोड़ रुपये के फंड की व्यवस्था की गई है। कोच की शिकायतों के लिए
कोच मित्र योजना लाई जा रही है। पीपीपी मॉडल से छोटे शहरों में भी
एयरपोर्ट बनाए जाएंगे। वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार आधारित स्मार्ट कार्ड
बनाए जाएंगे ताकि उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। एयरपोर्ट के अपग्रेडेशन
के लिए जमीन को लेकर बने कानून में संशोधन किया जााएगा। 2018 तक चेचक को
दूर करने का लक्ष्य रखा है। वरिष्ठ लोगों के लिए कई योजनाएं लाई गई हैं,
एलआईसी भी उनके लिए नई योजना लाएगी, जिसमें हर साल 8 फीसदी का रिटर्न मिल
सके।
अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 4195 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया
है। एससी, एसटी और अल्पसंख्यकों के विकास के लिए भी सरकार खास ध्यान दे
रही है। गुजरात, झारखंड में एम्स खोले जाएंगे। 2019 तक 50 हजार पंचायतें
गरीबी मुक्त करने का लक्ष्य बनाया गया है। महिलाओं के लिए आंगनबाड़ी के
माध्यम से 500 करोड़ रुपये के खर्च का विशेष प्रावधान किया गया ह। गर्भवती
महिलाओं के लिए 6000 रुपये उनके बैंक अकाउंट में सीधे डाले जाएंगे। राज्यों
के साथ मिलकर 5 अलग टूरेज्म क्षेत्र बनाए गए हैं। टेक्स्टाइल सेक्टर में
रोजगार प्रदान करने के लिए अलग से योजना शुरू की गई है। प्रवेश परीक्षाओं
के लिए अलग से बॉडी बनाई जाएगी। सेकंडरी एजुकेशन को अलग से प्रोत्साहित
करने के लिए फंड की व्यवस्था की गई है।
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रेल बजट में क्या:
रेलवे कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्ट किया जाएगा।
वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए रेलवे हेतु 55000 करोड रुपये का बजट दिया गया।
रेलवे के लिए 1.31 लाख करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। मेट्रो
रेल के लिए नई नीति की घोषणा की जाएगी। ई टिकट पर सर्विस टैक्स नहीं लिया
जाएगा। ट्रेनों में बायो टॉइलट लगाए जाएंगे, 2019 तक इस काम को समाप्त कर
लिया जाएगा। 2020 तक चौकीदार वाले फाटक खत्म कर दिए जाएंगे। टूरिजम और
धार्मिक यात्राओं के लिए अलग से ट्रेनें चलाई जाएंगी।
2017-18 में 3500
किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाने का प्रावधान किया गया है। रेलवे सरंक्षा
के लिए एक लाख करोड़ का फंड दिया गया है। रेलवे अतिरिक्त संसाधनों से पैसा
जुटाने की कोशिश करेगी। रेलवे यात्रियों की सुरक्षा, सफाई, विकास और आय पर
फोकस करेगी। रेलवे के लिए ये खास प्रावधान: विकास पर खर्च होंगे 1.31 लाख
करोड़, 3500 किमी नया रेलमार्ग, 7000 रेलवे स्टेशनों पर सौर ऊर्जा की
सुविधा, आईआरसीटीसीपर सर्विस चार्ज नहीं।
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किसानों और गांवों को क्या मिला:
अरुण जेटली ने कहा कि बजट में गांवों
के विकास पर ज्यादा फोकस किया गया है। जेटली ने गांधीजी को याद करते हुए
कहा कि हमारे राष्ट्रपिता ने कहा था कि एक सही उद्देश्य कभी असफल नहीं
होता। नोटबंदी से होने वाले फायदे गरीबों तक पहुंचाए जाएंगे, बैंक भी कर्ज
की दरों को कम कर पाएंगे। नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था में जो धीमी गति आई
वह एक ट्रांजिट फेज है, लंबे समय में फायदा होगा। जेटली ने कहा कि फसल
बीमा अब 30 फीसदी की बजाय 40 फीसदी होगा।
साथ ही कृषि क्षेत्र में 4.1
फीसदी की वृद्धि दर देखी गई, फार्म क्रेडिट के तौर पर 10 लाख करोड का
लक्ष्य बजट में बनाया गया है। फसलों के बीमा का कवरेज 50 फीसदी तक बढा है।
किसानों के हित में मिट्टी के परीक्षण के लिए 100 से ज्यादा अनुसंधान लैब
बनाए जाएंगे।
जेटली ने कहा कि पिछले बजट में 5500 करोड की तुलना में इस
बार 13000 करोड रुपये किसान बीमा योजना के लिए दिए गए। लघु एवं मध्य वर्ग
के किसानों को भी सहकारी क्रेडिट सेक्टर के माध्यम से मदद की कोशिश की
जाएगी। जेटली ने कहा कि 2019 तक एक करोड परिवारों को गरीबी से बाहर लाने का
लक्ष्य रखा गया है। 1 मई 2018 तक देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचा दी
जाएगी।
लड़की ने शराब के नशे में बीच सड़क किया हंगामा
टैक्स में किसको कितनी छूट मिली:
जेटली ने कहा कि भारत में टैक्स से आने वाली आय काफी कम है। हम टैक्स रेट को व्यवहारिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 3 लाख की आय तक अब टैक्स नहीं लगेगा। 3 से 5 लाख तक की आमदनी वालों को अब आधा टैक्स देना पडेगा। 60 से 80 और 80 साल से ज्यादा उम्र वालों पर टैक्स नहीं। 3 लाख से अधिक कैश लेन-देन पर लगेगी रोक, इसके लिए टैक्स कानून में संशोधन किया जाएगा। 50 लाख से एक करोड़ तक की आय वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया जाएगा।
50 लाख आय वाले व्यवसायियों को अग्रिम कर भुगतान एक किस्त में करने का मौका दिया गया। एक करोड से अधिक आय वाले लोगों पर 15 फीसदी सरचार्ज जारी रहेगा। 50 करोड तक सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों पर 25 फीसदी टैक्स का प्रस्ताव, पहले यह 30 फीसदी था। बीमा एजेंटों की आय को 5 फीसदी टीडीएस कटौती से मुक्त किया, हालांकि आय कर योग्य नहीं होने पर ही मिलेगा फायदा।
अरुण जेटली ने कहा कि राजनीतिक दलों के चंदे में पारदर्शिता होनी चाहिए। एक राजनीतिक पार्टी एक व्यक्ति से अधिकतम 2000 रुपये का कैश चंदा ले सकती है। राजनीतिक पार्टियां अपने दानदाताओं से 2000 रुपये से अधिक का चंदा चेक या डिजिटल माध्यम से ही लेंगी: वित्त मंत्री। जिन दाताओं ने किसी भी राजनीतिक पार्टी को 20 हजार या इससे अधिक कैश में दान दिया है उनकी सूची बनाने की जरूरत। वित्त मंत्री ने कहा कि 2015-16 में 3.7 करोड़ व्यक्तियों में से 99 लाख लोगों ने 2.5 लाख की छूट सीमा से कम आय दिखाई।
8 नवंबर से 30 नवंबर के दौरान 1.09 करोड़ खातों में औसत 5 लाख से अधिक जमा किए गए। नोटबंदी की वजह से लोगों को अपनी आय बतानी पडी है। पूरे देश में 50 लाख से अधिक आय दिखाने वाले लोगों की संख्या केवल 1.72 लाख है। वर्ष 2016-17 के लिए 5.97 लाख कंपनियों ने अपने आय का विवरण प्रस्तुत किया है। असंगठित क्षेत्र में लगे 4.2 करोड व्यक्तियों में से केवल 1.74 करोड़ आय का आंकडा देते है। सरकार के द्वारा किए गए गंभीर प्रयासों के कारण अग्रिम कर में वृद्धि दर 34.8 प्रतिशत है।
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