बेंगलुरू:महिलाओं के साथ छेडछाड मामले में तीन दिन बाद FIR दर्ज

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 04 जनवरी 2017, 12:12 PM (IST)

नई दिल्ली। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में नए साल की शाम और रात कई महिलाओं के संग यौन उत्पीडन मामले से जुडा एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में दो स्कूटर सवार सुनसान सडक पर जा रही एक लडकी के संग जबरदस्ती कर रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि सुनसान सडक पर जा रही लडकी को एक स्कूटर सवार जबरदस्ती पकड लेता है। थोडी देर तक लडकी को जबरदस्ती पकड़े रहने के बाद उसे घसीटकर अपने साथी के पास ले जाने लगा। स्कूटर पर सवार दूसरा हमलावर भी लडकी को पकडते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में दिख रहा है कि स्कूटर सवार जबरदस्ती लडकी के कपडे उतारने की कोशिश कर रहे हैं। लडकी के विरोध के बाद वो उसे सडक पर धकेल कर भाग गए। टाइम्स ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि बेंगलुरु स्थित किसी व्यक्ति ने उन्हें 31 दिसंबर-एक जनवरी की रात का सीसीटीवी फुटेज भेजा है।

टीआईओ के अनुसार ये वीडियो फूटेज रविवार रात ढाई बजे का है। जिस सीसीटीवी में ये घटना कैद हुई है वो पूर्वी बेंगलुरु के कम्मनहल्ली 5 मेन रोड पर स्थित एक घर में लगा है। रिपोर्ट के अनुसार महिला का घर घटनास्थल से महज 50 मीटर दूर स्थित है। अखबार के अनुसार सीसीटीवी फूटेज भेजने वाले ने अपनी पहचान न जाहिर करने के लिए कहा है।

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वहीं दूसरी ओर पुलिस ने आखिरकार तीन बाद बेंगलुरु में महिलाओं के साथ हुई छेडछाड मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने दावा किया है कि उनके पास मामले को लेकर कई मजबूत सबूत जुटे हैं। सबूतों के आधार पर मामले की जांच शुरू हो गई है। सूद ने बताया कि एमजी रोड पर लगे 45 सीसीटीवी कैमरों की अनएडिटेड फूटेज पुलिस के पास है और उसकी जांच की जा रही है। महिलाओं के संग उत्पीडन की खबरों पर पहले बेंगलुरु पुलिस ने कहा था कि उसे इस बाबत कोई शिकायत नहीं मिली है। वहीं राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि नए साल पर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं।

बेंगलुरु में नए साल का जश्न मना रही महिलाओं से कुछ हुड़दंगियों द्वारा की गई अभद्रता पर केंद्र सरकार ने कडा रुख अपनाया है। वहीं, कुछ समाजसेवी संगठनों ने भी इस घटना पर आपत्ति जताते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बेंगलुरु में महिलाओं से हुई अभद्रता को शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा हर राज्य सरकार का कत्र्तव्य है और उन्हें इसे गंभीरता से लेना चाहिए। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने भी कहा कि इस घटना में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि ऐसी शर्मनाक हरकतों को किसी भी दशा में सही नहीं ठहराया जा सकता।

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गौरतलब है कि 31 दिसंबर की रात बेंगलुरु में एमजी रोड और ब्रिगेड रोड पर लोग नए साल का जश्न मना रहे थे। इस दौरान करीब 60 हजार लोग वहां जमे थे। इसी बीच, कुछ हुडदंगी महिलाओं और लडकियों से अभद्रता करने लगे। राज्य सरकार ने लोगों की सुरक्षा के लिए 1500 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई थी, लेकिन लोगों का आरोप है कि पुलिस मूकदर्शक की भूमिका में थी।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने मंगलवार को कनार्टक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर और सपा नेता अबू आजमी को बेंगलुरु में महिलाओं से भीड की कथित छेडखानी की घटना को लेकर उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी पर समन जारी किया। आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने कहा, हमने जी. परमेश्वर और अबू आजमी को उनके बयानों के लिए समन भेजा है। उन्होंने कहा, यह मायने नहीं रखता कि अबू आजमी किस दल से ताल्लुक रखते हैं। यह बेदर्द हकीकत है कि विभिन्न दलों के लोग ऐसे अपमानजनक बयान देते हैं। अगर इस स्तर पर लोग ऐसी बात कहेंगे, तो देश किस दिशा में बढेगा। घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कुमारमंगलम ने डीजीपी, शहर पुलिस आयुक्त और गृह मंत्री को पत्र लिखकर जवाब मांगा है कि छेडखानी की घटना में शामिल लोगों के खिलाफ तुरंत क्या कदम उठाया गया है।

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सीसीटीवी फुटेज भेजने वाले टीओआई से कहा कि वो सडकों पर जो हुआ उसे देखकर खामोश नहीं रह सकता। सीसीटीवी फूटेज भेजने वाले ने बताया कि जिस लडकी का उत्पीडन हुआ वो सोमवार (दो जनवरी) को फूटेज मांगने के लिए उनके घर आयी तब उन्हें घटना के बारे में पता चला। महिला ने अखबार को बताया कि वो उस पर हमला और उत्पीडन करने वाले दोनों व्यक्तियों को नहीं जानती। महिला ने बताया कि घटना के बाद उसका पर्स भी लापता है जिसे शायद उन दोनों हमलावरों ने ले लिया।

महिला ने सीसीटीवी भेजने वाले से कहा कि वो पुलिस के पास नहीं गई क्योंकि खुद सरकार कह रही है कि नए साल पर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। महिला ने सवाल किया कि क्या लडक़ी होने के कारण वो नया साल नहीं मना सकती? और सरकार उन्हें नसीहत देने के बजाय अपना काम नहीं कर सकती।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार 31 दिसंबर की रात को एमजी रोड इलाके में कई महिलाओं पर यौन हमला किया गया। उन्हें जबरदस्ती पकड़ा गया और उन पर अश्लील टिप्पणियां की गईं। नए साल पर होने वाले भीड़ पर नियंत्रण के लिए बेंगलुरु पुलिस ने इलाके में करीब 1500 पुलिस के जवान तैनात कर रखे थे लेकिन वो घटना के मूकदर्शक बने रहे।

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