अमृतसर। रविवार को अमृतसर में संपन्न हुई हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में
आतंकवाद ही मुख्य मुद्दा रहा। कॉन्फ्रेंस में आतंकवाद को खत्म करने का
संदेश देते हुए एक ऎंटी-टेरर प्रस्ताव पर सहमति बनी। पाकिस्तान के लिए आघात
रहा कि इस प्रस्ताव में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाक आतंकी
संगठनों, हक्कानी नेटवर्क का नाम शामिल किया गया है। इस तरह आतंक के मुद्दे
पर भारत फिर पाकिस्तान को अलग-थलग करने में कामयाब रहा है।
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केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस की समाçप्त
के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमृतसर घोषणा पत्र की जानकारी दी। घोषणा
पत्र में कहा गया,आतंकवाद शांति के लिए सबसे बडा खतरा है, सभी तरह के
आतंकवाद को खत्म किया जाना चाहिए जिसमें आतंकवाद को समर्थन और आर्थिक मदद
मुहैया कराना भी शामिल है। हम अफगानिस्तान में तालिबान, आईएसआईएस/दाइश और
लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे सहयोगी संगठनों द्वारा की जा रही हिंसा
को लेकर बहुत चिंतित हैं।
अमृतसर घोषणा पत्र में कहा गया, हम आतंकवाद के हर रूप को खत्म करने के लिए
आपसी सहयोग बढाए जाने की मांग करते हैं। हार्ट ऑफ एशिया रीजन में
आतंकवादियों की शरणस्थलियों और ठिकानों को तबाह करने और साथ ही उन्हें
मिलने वाली आर्थिक और हर तरह की दूसरी मदद रोकने की मांग करते हैं। घोषणा
पत्र में कहा गया,हम अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से अफगानिस्तान की सरकार को
अपना सहयोग करना जारी रखने की अपील करते हैं।
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