एसवाईएल नहर का निर्माण अकाली दल की वचनबद्धता थी: चन्नी

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 11 नवम्बर 2016, 6:28 PM (IST)

अमृतसर। कांग्रेस विधायी दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने लोगों को गुमराह करने के लिए मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर बरसते हुए उन्हें याद दिलाया है कि 1985 को हुए पंजाब समझौते के तहत सतलुज यमुना लिंक नहर का निर्माण पूरा करना अकाली दल की वचनबद्धता थी।

इस क्रम में अपनी जवानी संभाल यात्रा के आखिरी दिन पवित्र शहर में पहुंचने के अवसर पर उन्होंने कहा कि बादल को जरूर बताना चाहिए कि क्यों उनके मुख्यमंत्री रहते जमीन अधिग्रहण करने हेतु 20 फरवरी, 1978 को दो अधिसूचनाएं नं. 113/5/एस.वाई.एल व 121/5/एस.वाई.एल जारी की गई थीं। इसके अलावा, गंभीर आवश्यकता के आधार पर भूमि अधिग्रहण कानून की धारा 17 को धारा 5 (ए) से जोड़ा गया था। पंजाब के लोग जानना चाहते हैं कि ऐसी क्या जल्दी थी। बादल को उनके पारिवारिक मित्र व तत्कालीन हरियाणा के मुख्यमंत्री चौधरी देवी लाल द्वारा विधानसभा में दिए बयान बारे भी बताना चाहिए कि वह आपके साथ एसवाईएल नहर के लिए नींव पत्थर रखने को रजामंद थे। यह पूरा मामला ऑन रिकॉर्ड है, जिससे बादल पैर नहीं पीछे खींच सकते।
उन्होंने बादल को याद दिलाया कि पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंटस एक्ट, 2004 से धारा 5 हटाना उनकी पार्टी के मैनिफैस्टो का हिस्सा था, लेकिन उन्होंने एक बार फिर से उक्त मुद्दे पर लोगों को बेवकूफ बनाया। जिन्होंने रिकॉर्ड के आधार पर कहा कि पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 के तहत किए गए बंटवारे के खिलाफ 1976 में सुप्रीम कोर्ट में जाने वाला पंजाब पहला राज्य नहीं था, बल्कि हरियाणा व पंजाब ने सिर्फ अपील का पालन किया था।
उन्होंने कहा कि अकाली दल पहले 1967 में सत्ता में आया था और बादल ने स्वयं 27 मार्च, 1970 को बतौर मुख्यमंत्री पहली बार शपथ ली और 14 जून, 1971 तक राज्य पर शासन किया। क्या उनकी पार्टी या बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने उस वक्त पंजाब पुनर्गठन एक्ट, 1966 की धारा 78-80 के खिलाफ केन्द्र के पास रोष जताया था, जिसके तहत तत्कालीन प्रधानमंत्री ने 1976 में पंजाब व हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे का ऐलान किया था।
चन्नी ने कहा कि वह बादल को 1955 में नदियों के पानी के विवाद की शुरूआत से सारा रिकॉर्ड पेश करने की चुनौती देते हैं। ऐसे में लोगों को समझना चाहिए कि निराधार दोष लगाने की बजाय कौन दोषी है।
चन्नी अपनी जवानी संभाल यात्रा के पांचवें दिन पवित्र नगरी में दाखिल हुए, जहां स्थानीय निवासियों व सभी पार्टी नेताओं व वर्करों द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। श्री चमकौर साहिब से 2000 साइकिल चालकों के साथ शुरू हुई इस यात्रा ने 5 दिनों में 20 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों से होते हुए 350 किलोमीटर से अधिक का सफर तय किया है। इस यात्रा का उद्देश्य नशों, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार से लडऩा है। ये सभी मुद्दे पंजाब के युवाओं से जुड़े हैं। इससे पहले यह यात्रा श्री चमकौर साहिब से श्री तलवंडी साबो तक सात दिनों के लिए निकाली गई थी।



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