त्रिवेंद्रम। बाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने इतिहास रच दिया। 19 वर्षीय पंत ने यहां के सेंट जेवियर्स केसीए स्टेडियम में दिल्ली की ओर से खेलते हुए झारखंड के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के चार दिवसीय मुकाबले के अंतिम दिन बुधवार को दूसरी पारी में 48 गेंदों में ही सैकड़ा ठोक दिया। यह रणजी इतिहास का सबसे तेज शतक है।
यह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी किसी भारतीय की सबसे तेज सेंचुरी है। रणजी में पिछला रिकॉर्ड विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा के नाम था जिन्होंने जनवरी 2016 में कर्नाटक के विरुद्ध इंदौर में 69 गेंदों पर शतक जड़ा था। पंत ने कुल 67 गेंदों पर आठ चौकों व 13 छक्कों की मदद से 135 रन बनाए। पंत ने पहली पारी में भी 82 गेंदों पर ही शतक जमा दिया था। पहली पारी में पंत ने 106 गेंदों पर नौ चौके व आठ छक्के उड़ाए।
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यह मुकाबला ड्रा पर खत्म हुआ। पंत के अब प्रथम श्रेणी क्रिकेट में चार शतक
हो गए हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के खिलाफ 308 रन जुटाए थे। अंडर-19 विश्व
कप, आईपीएल-9 और अब रणजी में अपनी प्रतिभा दिखाने वाले पंत ने टीम इंडिया
में एंट्री के लिए मजबूत दावेदारी पेश कर दी है। पंत के पसंदीदा प्लेयर
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट हैं।
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बांग्लादेश
में हुए अंडर-19 विश्व कप में पंत ने नेपाल के खिलाफ मात्र 24 गेंदों पर
ही 78 रन बना डाले थे। टूर्नामेंट के छह मुकाबलों में उन्होंने 44.50 के
औसत व 104.29 के स्ट्राइक रेट के साथ 267 रन बटोरे। वे सरफराज खान के बाद
भारत के सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। पंत ने आईपीएल-9 में जहीर
खान की अगुवाई वाली दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के लिए जोरदार पारियां खेलीं।
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