नई दिल्ली। भारतीय डेविस कप टीम के कप्तान महेश भूपति का मानना है कि टेनिस भारत में प्राथमिकता नहीं है और इसी कारण देश में उच्च स्तर के खिलाड़ी नहीं निकल पा रहे हैं। भूपति ने कहा कि स्थिति में हालांकि सुधार हो रहा है और आने वाले दिनों में स्थिति अच्छी होगी। भूपति का मानना है कि अगर देश में टेनिस को आगे बढऩा है तो इसके लिए कई सफल कहानियों का सामने आना जरूरी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भूपति ने यहां किया मोटर्स के बॉल किड्स कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि टेनिस को लेकर भारत में सही संस्कृति नहीं जिसके कारण खेल तेजी से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। भारत की करमान कौर थांडी और अंकिता रैना ने हाल ही में डब्ल्यूटीए ताइपे ओईसी ओपन में महिला युगल का खिताब अपने नाम किया था। इस जीत के बाद करमान ने कहा था कि उनकी और अंकिता की जीत देश में महिला टेनिस में बदलाव ला सकती है।
इस पर जब भूपति से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ईमानदारी से कहूं तो मैं ऐसा नहीं सोचता। सानिया मिर्जा ने 10 साल पहले भारतीय महिला टेनिस में क्रांति ला दी थी। वे ऑस्ट्रेलियन ओपन के तीसरे राउंड तक पहुंची, विंबलडन के तीसरे राउंड तक पहुंचीं। भारत में हर कोई उन्हें देख रहा था। उन्होंने कहा, मुझे अच्छे से याद है कि जब वे ऑस्ट्रेलियन ओपन में सेरेना विलियम्स के खिलाफ खेल रही थीं तब लोग-बाग बोर्ड रूम और ऑफिस में उन्हें देख रहे थे, लेकिन इसके बाद क्या हुआ। हम इसके बाद पांच सानिया भी नहीं निकाल पाए।
मुझे नहीं लगता कि टेनिस हमारे देश में प्राथमिकता है। भूपति ने कहा कि टेनिस को बैडमिंटन से सीखने की जरूरत है। युगल में सात ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाले भूपति ने कहा, आप बैडमिंटन को देख लीजिए। बैडमिंटन, टेनिस से काफी आगे है क्योंकि वहां सिंधु, सायना, कश्यप और गोपीचंद हैं। आपके पास सफलता की कई कहानियां होनी चाहिए। उम्मीद है कि भारत में टेनिस को लेकर इस तरह की कई कहानियां होंगीं।
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