मेलबोर्न। भारत के वरिष्ठ टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने देश में शीर्ष स्तर के खिलाडिय़ों की कमी के लिए सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया है। बोपन्ना ने कहा है कि देश में ज्यादा से ज्यादा अकादमी होनी चाहिए और टेनिस खिलाड़ी निकालने के लिए जमीनी स्तर पर नए कार्यक्रम चलाने चाहिए। बोपन्ना ने आईएएनएस से कहा कि हमारे पास ज्यादा खिलाड़ी निकालने के लिए अच्छा सिस्टम नहीं है। न सिर्फ सिस्टम बल्कि हमें भारत में बड़े टूर्नामेंट्स की भी जरूरत है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हमारे पास सिर्फ एक एटीपी और दो चैलेंजर्स टूर्नामेंट हैं जो काफी नहीं हैं। अगर आप यूरोप और अमेरिका में देखेंगे तो उनके पास 25 से 30 सप्ताह सिर्फ टूर्नामेंट्स के लिए हैं जो बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि टेनिस एक महंगा खेल है जिसमें आपको सप्ताह दर सप्ताह सफर करना पड़ता है। अगर भारत में हर राज्य में एक चैलेंजर टूर्नामेंट होता है तो आप सिर्फ भारत में सफर करोगे और अंतरराष्ट्रीय अंक एकत्रित करोगे और इस तरह खिलाडिय़ों की संख्या भी बढ़ेगी और खेल को भी नई ऊंचाई मिलेगी।
उन्होंने कहा, हमें पहले सिस्टम से शुरू करना होगा और फिर टूर्नामेंट्स पर आना होगा और फिर इसके बाद अच्छी अकादमियां बनानी पड़ेंगी। इसलिए जब पूरा सिस्टम अस्तित्व में आएगा तब हमारे पास ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी होंगे। बोपन्ना ने साल के पहले ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलियन ओपन में मिश्रित युगल और पुरुष युगल में शिरकत की थी।
हालांकि वे दोनों वर्गों में पहले ही दौर में मात खाकर बाहर हो गए। मिश्रित युगल में बोपन्ना ने चीन की झाओजुआ यांग के साथ जोड़ी बनाई थी और पुरुष युगल में भारत के ही दिविज शरण के साथ कोर्ट पर उतरे। दिविज बाएं हाथ के खिलाड़ी हैं और बोपन्ना ने पहली बार उनके साथ जोड़ी बनाई थी।
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