नई दिल्ली। दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार और प्रवीण राणा के बीच विवाद एक बार फिर तूल पकड़ता दिख रहा है। राणा ने शनिवार को एशियाई खेलों के चयन के लिए आयोजित कुश्ती के ट्रायल में भेदभाव का आरोप लगाया है। इन ट्रायल्स में सुशील (74 किलोग्राम भारवर्ग) और बजरंग पुनिया (65 किलोग्राम भारवर्ग) को बिना ट्रायल दिए एशियाई खेलों का टिकट थमा दिया गया और इसके पीछे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का तर्क है कि इन दोनों के भारवर्ग में कोई भी भारतीय पहलवान इनके बराबर का नहीं इसलिए एशियाई खेलों में पदक की ख्वाहिश को ऊपर रखते हुए इन भारवर्ग में ट्रायल न कराने का फैसला लिया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
74 किलोग्राम भारवर्ग में लडऩे वाले राणा ने इस बीच आरोप लगाया है कि महासंघ भेदभाव कर रहा है और सुशील के हित में फैसले ले रहा है। राणा ने आईएएनएस से कहा, पहले डब्ल्यूएफआई ने कहा कि ट्रायल्स होंगी लेकिन बाद में कहा कि नहीं होंगी और सुशील का चयन कर दिया गया। डब्ल्यूएफआई ने कहा कि सुशील का चयन राष्ट्रमंडल खेलों में उनके प्रदर्शन को देखते हुए किया गया है। राणा ने कहा, अगर ऐसा ही चलता रहा तो मेरा और कई जूनियर खिलाडिय़ों का अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा।
इससे हमारा करियर खत्म हो जाएगा। राणा ने साथ ही इसी साल 20-28 अक्टूबर के बीच होने वाली विश्व चैम्पियनशिप के लिए महासंघ की चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। 25 साल के राणा ने कहा, 10-15 दिन बाद विश्व चैम्पियनशिप के लिए भी ट्रायल्स हैं। जिन 74 किलोग्राम भारवर्ग के पहलवानों ने एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं लिया है वो एक-दूसरे से लड़ेंगे और उनमें से जीतने वाला फाइनल में सुशील से लड़ेगा। उन्होंने कहा, ऐसे में हमें ट्रायल्स में अतिरिक्त मेहनत करनी होगी और सुशील सीधे फाइनल में सिर्फ एक मैच खेलेगा।
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