बुडापेस्ट (हंगरी)। हाल ही में एशिया कप में सोने का तमगा जीतने वाले भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया यहां जारी विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण हासिल करने से चूक गए। उन्हें फाइनल में हार के साथ ही रजत पदक से संतोष करना पड़ा, लेकिन हार के बाद भी बजरंग ने इतिहास रच दिया है। वे इस टूर्नामेंट में दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बजरंग को पुरुषों की फ्रीस्टाइल स्पर्धा के 65 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में जापान के ताकुतो ओटुगोरो से 9-16 से हार का सामना करना पड़ा। बजरंग अगर जापानी खिलाड़ी को मात देकर स्वर्ण जीतने में सफल होते तो वे इस चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले भारत के दूसरे पहलवान होते। उनसे पहले सुशील कुमार ने मॉस्को में 2010 में इस चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। बजंरग का यह इस चैंपियनशिप में दूसरा पदक है।
इससे पहले वे 2013 में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे थे। फाइनल मैच काफी रोमांचक था। जापानी खिलाड़ी ने बजंरग को बाहर भेज एक अंक लिया और फिर बजरंग को पटक कर चार अंक और जुटाए। बजरंग ने टेकडाउन से दो अंक लेकर अपना खाता खोला और फिर स्कोर 6-7 कर लिया। दूसरे पीरियड में बजरंग ने वापसी की कोशिश की लेकिन जापानी खिलाड़ी ने तीन अंक लेकर अपनी बढ़त को 9-6 कर लिया। इस बढ़त को जापानी खिलाड़ी ने बजरंग के बेहद आक्रामक होने के बाद भी बचाए रखा।
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