नई दिल्ली। मैरीकॉम के नेतृत्व में भारतीय दल राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार से शुरू हो रही विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करेगा। इस चैम्पियनशिप में 73 देशों की 300 मुक्केबाज 10 अलग-अलग भारवर्ग में प्रतिस्पर्धा करती दिखाई देंगी। टूर्नामेंट की शुरुआत से एक दिन पहले बुधवार को उद्घाटन समारोह का आयोजन होगा। यह इस चैम्पियनशिप का 10वां संस्करण है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस संस्करण की खास बात यह है कि इसमें स्कॉटलैंड, माल्टा, बांग्लादेश, केमैन आइलैंड, डीआर कोंगो, मोजाम्बीक, सिएरा लियोन और सोमालिया जैसे देश पदार्पण कर रहे हैं। कई देशों ने युवा और अनुभवी मुक्केबाज भेजे हैं जो अपने आप को अतीत में साबित कर चुकीं हैं और ओलम्पिक पदकधारियों को भी कड़ी चुनौती देने का दम रखती हैं। एशियाई देशों के अलावा अमेरिका, पोटरे रिको और कुछ यूरोपियन देशों की मुक्केबाजों से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, मैं खुश हूं कि सभी मुक्केबाजों ने यहां अभ्यास सत्र के दौरान अच्छा समय बिताया। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम खिलाडय़िों को वो सब सुविधाएं दें जो चैम्पियनशिप के लिए जरूरी हैं और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। 48 किलोग्राम भारवर्ग में भारत की दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम अपने छठे विश्व चैम्पिनयशिप खिताब की दौड़ में हैं।
51 किग्रा में अमेरिका की वर्जिनिया फुच, 54 किग्रा में चीनी ताइपे की ली यिन तिंग, 57 किग्रा में चीन की यिन जुनहुआ, 60 किग्रा में फिनलैंड की मिरा पोटकोनेन, 64 किग्रा में भारत की सिमरनजीत कौर, 69 किग्रा में चीन की गु होंग, 75 किग्रा में नीदरलैंड की नाउच्का फोंटिजिन, 81 किग्रा में चीन की वांग लिना और 81 किलोग्राम में चीन की ही मौजूदा विजेता यांग जियोली स्वर्ण पदक की दौड़ में सबसे आगे हैं। इनके अलावा ओलम्पिक और यूरोपियन चैम्पियनशिप की कुछ पदक विजेता भी सोने का तमगा हासिल करने के लिए जद्दोजहद करेंगी।
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