नई दिल्ली। अपने पहले ही राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने वाले भारत के मुक्केबाज विकास कृष्णा का अगला लक्ष्य एशियाई खेलों में एक और स्वर्ण पदक जीतना है। उनकी कोशिश एशियाई खेलों में पदक जीतकर इन खेलों में तीन पदक जीतने वाला पहला भारतीय मुक्केबाज बनने की है। विकास ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में समाप्त हुए 21वें राष्ट्रमंडल खेलों की पुरुषों के 75 किलोग्राम भारवर्ग में कैमरून के दियूदोन विल्फ्रे सेयी को 5-0 से मात देकर स्वर्ण पदक जीता था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विकास ने भारत लौटने पर आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा कि वे अब एशियाई खेलों में अपने पदक का रंग बदलना चाहते हैं। विकास ने 2014 में इंचायोन में हुए एशियाई खेलों में कांस्य पर कब्जा जमाया था। विकास ने कहा, आज तक भारत के किसी भी मुक्केबाज ने एशियाई खेलों में तीन पदक नहीं लिए तो मेरी कोशिश यही रहेगी कि मैं इस उपलब्धि का हासिल करूं और एक नया रिकॉर्ड भी अपने नाम करूं। विकास ने 2010 में एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता था और फिर 2014 में कांस्य जीता था।
राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने के बाद उम्मीदों के दबाव के बारे में विकास ने कहा कि सीनियर हैं दबाव भी आता है, लेकिन यह सब खेल का हिस्सा है। सभी चीजें आपके ऊपर रहती हैं। कभी आप दबाव को झेल जाते हो तो अच्छा प्रदर्शन आता है। किसी भी मुक्केबाज को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए दबाव झेलना आना चाहिए। हरियाणा के भिवानी से आने वाले विकास इस बात से बेहद खुश हैं कि वे राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीत पाए।
विकास का कहना है कि उन्होंने तैयारी इस तरह की थी कि पदक के लिए आश्वस्त थे। बकौल विकास, बहुत अच्छा लग रहा है। इससे पहले खेला नहीं था तो पता नहीं था कि कैसा होता है। कैसे मुक्केबाज आते हैं। जाने से पहले मेरे अंदर आत्मविश्वास था। मैंने पहले भी मीडिया में बोला था कि अगर हम यहां पदक नहीं जीत पाएंगे तो कहीं नहीं जीत पाएंगे।
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