नई दिल्ली। यह साल तेजी से बीतता जा रहा है। अगला साल ओलंपिक खेलों का है। भारत के लिए आने वाले साल खास होगा क्योंकि वह टोक्यो में ओलंपिक खेलों में अपनी हिस्सेदारी के 100 साल पूरे करेगा। भारत टोक्यो में कितने पदक जीतेगा, यह कहना मुश्किल है लेकिन बीती एक शताब्दी में ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इतना निराशाजनक की कुछ खिलाडिय़ों ने व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर 130 करोड़ की जनसंख्या वाले भारत को पीछे छोड़ दिया है। इनमें कई नाम शामिल हैं लेकिन एक नाम खास है क्योंकि इसने अकेले दम पर ओलंपिक में ठीक उतने ही पदक जीते हैं, जितने भारत ने बीते 100 साल में जीते हैं। इन खिलाडिय़ों में सबसे बड़ा और पहला नाम माइकल फेल्प्स का है।
अमेरिका का यह चैम्पियन तैराक अपने 12 साल के पेशेवर करियर में ओलंपिक खेलों में अकेले इतने पदक जीत चुका है, जितने भारत ने 100 साल के ओलंपिक इतिहास में नहीं जीते हैं। भारत ने पहली बार 1920 के एंटवर्प ओलंपिक में हिस्सा लिया था। अब टोक्यो में 2020 में होने जा रहे ओलंपिक खेलों में भारत खेलों के इस महाकुम्भ में अपनी हिस्सेदारी के 100 साल पूरे करेगा।
भारत ने बीते 100 सालों में अब तक कुल 28 पदक जीते हैं, जिनमें नौ स्वर्ण, सात रजत और 12 कांस्य शामिल हैं। भारत ने सबसे अधिक आठ स्वर्ण हॉकी में जीते हैं जबकि भारत को एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण 2008 में बीजिंग ओलंपिक में निशानेबाजी में अभिनव बिंद्रा ने दिलाया था।
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