चेन्नई| अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) में चल रहे दो गुटों के विवाद को सुलझाने को लेकर केंद्र सरकारा द्वारा दी गई अंतिम तारीख 30 सितंबर करीब है और ऐसे में सभी की निगाहें केंद्र पर ही टिकी हुई हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारतीय शतरंज टीम ने हाल ही में ऑनलाइन ओलम्पियाड में स्वर्ण पदक जीता था लेकिन टीम के चयन के दौरान भी मतभेद साफ देखे गए थे क्योंकि हर पक्ष अपनी चलाना चाहता था।
सचिव वी. सारावान ने आईएएनएस से कहा, "एआईसीएफ का तबगा इस समय जो लड़ाई लड़ रहा है, उस मामले में कोर्ट केस की क्या संभावनाएं हो सकती हैं हमें इस बार में कुछ पता नहीं है, इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि सरकार की 30 सितंबर की डेडलाइन पूरी हो पाएगी या नहीं।"
एआईसीएफ इस समय दो पक्षों में बंटा हुआ है जिसमें एक पक्ष है पी.आर. वेंकटरामा राजा और दूसरा है सचिव भरत चौहान का।
दोनों पक्षों के लीडरों ने अपने समर्थकों के साथ दूसरे समूह के लोगों को पदों से हटा दिया। लेकिन सरकार ने राजा और चौहान को क्रमश: अध्यक्ष और सचिव माना।
20 मई को केंद्र सरकार ने एआईसीएफ को पत्र लिखाकर कहा था, एआईसीएफ को प्रबंधन संबंधी सभी मुद्दे 30 सितंबर 2020 तक सुलक्षा लेने चाहिए।
राजा के पक्ष के विजय देशपांडे ने आईएएनएस से कहा, "यह मामला कोर्ट में है। हम इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते।"
एक सीनियर ग्रांडमास्टर ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, "सरकार को इन विवादित पक्षों को बुलाना चाहिए और रास्ता निकलाना चाहिए।"
वहीं एक और सीनियर इंटरनेशननल मास्टर ने कहा, "हम खिलाड़ियों को नहीं लगता कि एआईसीएफ के लोग सरकार के निर्देश को तवज्जो देंगे। कोर्ट यहा निर्णायक होगी। इसके बाद सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए की राष्ट्रीय खेल कोड का पालन हो।"
--आईएएनएस
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