तजिंदर
ने जब एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था तो उन्होंने कहा, ‘यह पदक मेरी
सबसे बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इसके लिए मैंने काफी त्याग किए हैं। पिछले
दो साल से मेरे पिता (करम सिंह) कैंसर से जूझ रहे हैं। मेरे परिवार ने कभी
भी मेरा ध्यान भंग नहीं होने दिया। ये भी पढ़ें - टेस्ट सीरीज से बाहर हुए कमिंस व हैजलवुड, ये ले सकते हैं जगह
उन्होंने मुझे सपना पूरा करने की ओर
बढ़ाए रखा।’ तजिंदर ने कहा, ‘अब मैं अपने पिता से मिलूंगा, लेकिन मैं दो
दिन में ही वहां पहुंच पाऊंगा।
मुझे अब अगली चुनौती के लिए तैयार होना
होगा।’ पिता की बीमारी के बाद भी तजिंदर अपने जुनून के प्रति मजबूत बने रहे
और उनके इन सभी त्यागों का फल उन्हें एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक के रूप
में मिला।
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