गुवाहाटी । भारत की धाविका हिमा दास राष्ट्रमंडल गेम्म में पदक से चूक गई हैं, लेकिन 22 वर्षीय दास ने कहा कि वह बर्मिघम में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हैं। हिमा ने कहा, "भले ही मैं पदक नहीं ला सकी, लेकिन मैं एक एथलीट के रूप में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हूं।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि चोट के बाद यह उनका पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था। पिछले साल जून में राष्ट्रीय अंतर-राज्य एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान 100 मीटर रेस में दौड़ते समय हिमा को चोट लग गई थी।
उन्होंने कहा, "मुझे अपनी चोट से उबरने के लिए बहुत प्रयास करना पड़ा। लेकिन इसने मुझे पावरहाउस देशों के एथलीटों के खिलाफ उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए अविश्वसनीय मानसिक शक्ति दी।"
हिमा दास इस बार राष्ट्रमंडल गेम्स के फाइनल में पदक से चूक गईं। धावक ने कहा कि उनका ध्यान अब चीनी शहर हांग्जो में आगामी एशियाई गेम्स पर है।
हिमा दास तब सनसनी बनी थीं, जब उन्होंने टाम्परे में 400 मीटर दौड़ में 2018 विश्व जूनियर्स का स्वर्ण पदक जीता था।
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वह एशियाई गेम्स में 200 मीटर स्पर्धा में भाग लेगी। भारतीय धावक हाल ही में संपन्न राष्ट्रमंडल गेम्स में महिलाओं की 200 मीटर के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रही।
दास 23.42 सेकेंड के समय के साथ तीसरे स्थान पर रहीं, जबकि ऑस्ट्रेलिया की एला कोनोली ने 23.41 सेकेंड के साथ सेमीफाइनल में स्वत: क्वालीफाइंग स्थान के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।
--आईएएनएस
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