टोक्यो। भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया आज इतिहास रचने उतरेंगे। रवि ने सेमीफाइनल में कजाक पहलवान के खिलाफ जिस तरह का खेल दिखाया, उससे लगता है कि वह भारत के लिए कुश्ती में स्वर्ण जीतने वाला पहला पहलवान बनकर भारतीय खेल जगत में हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो जाना चाहेंगे। पुरुष फ्रीस्टाइल के 57 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में पीछे चल रहे होने के बावजूद कजाखस्तान के नूरइस्लाम सनायेव को हराकर फाइनल में प्रवेश करने के साथ ही रवि ने वैसे तो अपने और देश के लिए रजत पदक पक्का कर लिया है लेकिन उनका इरादा यहीं रुकने का नहीं होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कुश्ती में लंदन ओलंपिक में सुशील कुमार रजत पदक जीत चुके हैं। रवि इससे भी आगे जाना चाहेंगे लेकिन इसके लिए उन्हें फाइनल में रूस के जायूर उगयेव की चुनौती को समाप्त करनी होगी।
वैसे रवि के लिए यह मुकाबला आसान नहीं होगा क्योंकि उगयेव दो बार के विश्व चैम्पियन (2018, 2019) हैं और जो यह मानते हैं कि सफलता 99 फीसदी मेहनत और एक फीसदी टैलेंट पर आश्रित होती है।
जिस साल (2019) में उगयेव ने नूर सुल्तान में विश्व चैम्पियनशिप का सोना जीता था, उसी साल रवि ने इसी वर्ग में कांस्य जीता था। वह मौजूदा एशियाई चैम्पियन (2020, 2021) और यू23 विश्व चैम्पियनशिप (2018) के रज पदक विजेता हैं। (आईएएनएस)
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