मुझे निराशा हो रही है कि खिलाडिय़ों के अधिकारों और कल्याण को चैंपियनशिप
के आयोजन में कम महत्व दिया जाता है। दुनिया में भारत का प्रतिनिधित्व करना
मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। यूं तो हम जैसे खिलाड़ी अपने खेल के लिए
तमाम एडजस्टमेंट करते हैं, खेल ही हमारे लिए सबकुछ है, लेकिन कुछ चीजों को
लेकर आसानी से समझौता नहीं किया जा सकता। सौम्या ने कहा कि जब उन्होंने
पहली बार इस चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम को सहमति दी थी, तब इसका आयोजन
बांग्लादेश में होना था और समय भी दूसरा था। ये भी पढ़ें - वनडे में इस उपलब्धि से सिर्फ दो कदम दूर हैं विराट कोहली, देखें...
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