मुंबई| भारतीय महिला टीम के पूर्व मुख्य कोच डब्ल्यू.वी रमन का कहना है कि एक केलेंडर वर्ष में अधिक टेस्ट क्रिकेट खेलने से महिला टीम मैच फिटनेस के मामले में और बेहतर बनेगी। भारतीय महिला टीम को 16 जून को इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच खेलना है। इसके बाद उसे इस साल सितंबर-अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज खेलनी है जिसमें एक डे-नाईट टेस्ट भी शामिल है जो गुलाबी गेंद से खेला जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रमन ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से साक्षात्कार में कहा, "टेस्ट क्रिकेट खेलने से महिला टीम की खिलाड़ियों को खेल के कठिन प्रारूप का मैच खेलने का अवसर मिलेगा। एक बार उन्होंने यह शुरू कर दिया तो वह आज के मुकाबले भविष्य में और बेहतर हो जाएंगी।"
उन्होंने कहा, "अगर टीम लगातार खेलती रही तो इससे इन्हें हर मोर्चे पर खुद को टेस्ट करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा इससे उन्हें मैच फिटनेस के मामले में बेहतर बनने में मदद मिलेगी क्योंकि अगर आपको लंबे प्रारूप में खेलने की आदत नहीं है तो टीम को चार या पांच दिन लगातार खेलने में दिक्कत होती है। एक बार इन्होंने यह शुरू कर दिया तो खिलाड़ी इसमें ढल जाएंगी और मुझे यकीन है कि टीम के खिलाड़ी इसका आनंद लेंगे।"
रमन ने कहा, "मेरा सवाल है कि कितने बोर्ड टिक सकते हैं। शायद शीर्ष के तीन-चार बोर्ड क्योंकि इनके पास पैसा है। हमें इसके व्यवसायिक पक्ष को नहीं भूलना चाहिए। अगर तीन या चार बोर्ड भी महिला टेस्ट क्रिकेट को कराने में दिलचस्पी ले रहे हैं तो यह अच्छा है। हमें कोशिश करनी चाहिए।"
भारत के लिए 11 टेस्ट और 27 वनडे खेलने वाले पूर्व बल्लेबाज रमन को हाल ही में भारतीय महिला टीम के कोच के पद से हटाया गया था और उनकी जगह रमेश पवार को नया कोच नियुक्त किया गया था।
-- आईएएनएस
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