शतरंज में खिलाडिय़ों की कमी नहीं है लेकिन अगर मीडिया और सरकार का और
ज्यादा सहयोग मिलेगा तो हम और अधिक अच्छा करेंगे। हरिका ने 2016 में चीन
में फीडे महिला ग्रांप्री का खिताब जीता था जिसकी बदौलत वे विश्व रैंकिंग
में 11वें नंबर से पांचवें नंबर पर पहुंची थीं। उन्होंने 2010 में
ग्वांग्झू एशियाई खेलों में व्यक्तिगत स्पर्धा में देश के लिए कांस्य पदक
अपने नाम किया था। अपने अगले लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर हरिका ने
कहा, अभी मैं वल्र्ड नंबर-1 बनने की कोशिश कर रही हूं। अगस्त के बाद कई
सारे टूर्नामेंट शुरू होने वाले हैं। ये भी पढ़ें - आपके फेवरेट क्रिकेटर और उनकी लग्जरी कारें....
विश्व चैंपियनशिप के लिए मैं अभी से
ही तैयारी कर रही हूं और मेरी पूरी कोशिश होगी कि मैं इसमें अच्छा करूं।
उन्होंने कहा, इस खेल में मेरे कोच और माता-पिता ने मेरी बहुत मदद की। मैं
आज जो भी हूं उन्हीं की बदौलत हूं। हर खेल में शुरू में परेशानियां होती है
और मुझे भी हुई। लेकिन मैंने इसे चुनौतियों के रूप में लिया। इस दौरान
मुझे जो अनुभव मिला, उसी की बदौलत मैं आज यहां हूं।
शतरंज में ज्यूरिक
पॉल्कर और क्रिकेट में भारतीय कप्तान विराट कोहली को अपना आदर्श मानने वाली
हरिका 2016 में इंडियन ऑयल से जुड़ी थी और इसी की मदद से अपने खेल को आगे
बढ़ा रही है। आंध्र प्रदेश की रहने वाली हरिका ने कहा, इंडियन ऑयल कंपनी ने
मेरे प्रदर्शन को देखकर मुझे स्कॉरलरशिप देने का फैसला किया, वह भी बिना
किसी कागज के। मुझे लगता है कि सरकार ही सबकुछ नहीं कर सकती है और लेकिन इस
तरह के के संगठन की मदद से देश में खेलों और खिलाडिय़ों का बहुत विकास हुआ
है।
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