नई दिल्ली। भारत की ग्रैंडमास्टर और शीर्ष महिला खिलाड़ी हरिका द्रोणावल्ली ने जोर देकर कहा है कि अन्य खेलों की तरह देश में शतरंज में भी लीग शुरू होनी चाहिए क्योंकि इस खेल को भी जनमानस में लोकप्रिय बनाने की जरूरत है और लीग इसमें काफी हद तक मदद कर सकती है। हरिका पिछले साल अक्टूबर में तुर्की में बेतुमी शतरंज क्लब जॉर्जिया टीम का हिस्सा थीं जहां टीम ने यूरोपियन कप का खिताब जीता था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारत से एकमात्र महिला खिलाड़ी हरिका उस लीग में छह मैचों में से सभी ड्रॉ खेले थे। हरिका ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि निश्चित रूप से, भारत में भी अन्य खेलों की तरह शतरंज में भी लीग शुरू होनी चाहिए ताकि शतरंज के खिलाडिय़ों को भी लोग जान सके और इसमें अधिक से अधिक खिलाड़ी हिस्सा ले सके। इससे इस खेल को काफी समर्थन मिलेगा। सिर्फ शतररंज ही नहीं, अन्य कोई भी खेलों में अगर लीग शुरू होती है तो लोगों की इसमें काफी दिलचस्पी होगी।
27 साल की हरिका ने 2012, 2015 और 2017 में महिला विश्व शतरंज चैंपियनशिप में अब तक तीन बार कांस्य पदक जीता है। उनकी इस शानदार उपलब्धि के लिए उन्हें 2007-08 में भारत सरकार से अर्जुन अवार्ड भी मिल चुका है। उन्होंने कहा, देश में शतरंज के खिलाडिय़ों की कमी नहीं है। युवा स्तर से लेकर सीनियर तक बहुत सारे खिलाड़ी हैं जिन्होंने एशियाई चैंपियनशिप और विश्व चैंपियनशिप में खिताब जीते हैं।
हमने एशियाई खेलों में दो बार पदक जीता है। महिला शतरंज खिलाड़ी ने कहा, चिंता की बात यह है कि हम जितनी सफलता अर्जित कर रहे हैं, हमें उतनी मान्यता नहीं मिल पा रही है। जो खिलाड़ी इस खेल में पदक जीतते हैं तो उसे अन्य खेलों की तुलना में उतना अधिक महत्व नहीं दिया जाता है।
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