दुती को अपनी बेटी समान मानने वाले रमेश ने कहा, उस दौरान उन्होंने काफी
दुख झेला है, लेकिन उसमें से निकल उसने काफी आगे का सफर तय किया है यह उसके
लिए बड़ी बात है। मैंने हमेशा उसको यही कहा कि यह सब जिंदगी का हिस्सा है।
जिंदगी में इस तरह के दुख आते जाते हैं। यह जिंदगी है। हम उनको कैसे लेते
हैं यह हमारे ऊपर है। हर चीज खत्म नहीं होती है। आप अपनी ट्रेनिंग करती
रहो। एशियाई खेलों में दबाव के सवाल पर दुती ने बड़े आत्मविश्वास के साथ
कहा, दबाव तो नहीं है। ये भी पढ़ें - आपके फेवरेट क्रिकेटर और उनकी लग्जरी कारें....
मैंने काफी बड़े टूर्नामेंट्स में हिस्सा ले चुकी
हूं। एशियाई खेलों में जो खिलाड़ी आएंगे उनके साथ पहले भी खेल चुकी हूं
इसलिए किसी तरह का दबाव नहीं है। मेरी कोशिश करूंगी की मैं अपने व्यक्तिगत
सर्वश्रेष्ठ को पार कर सकूं। दुती ने हाल ही में गुवाहाटी में खेली गई इंटर
स्टेट चैम्पियनशिप में 11.29 सेकेंड समय के साथ राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया
था। उनका ध्यान पर अपने समय को और बेहतर करने पर है और यही उनके कोच भी
कहते हैं। दुती के कोच ने कहा, हमारा ध्यान पदक पर नहीं है।
हमारी कोशिश है
कि हम समय बेहतर करें। अगर समय बेहतर कर पाए तो अच्छा होगा। इंटर स्टेट
में गुवाहाटी में 11.29 सेकेंड समय लिया था। अब उस टाइमिंग से बेहतर करना
चाहते हैं। अगर ऐसा कर पाए तो कुछ भी हो सकता है। दुती के आत्मविश्वास की
वजह बीते वर्षों में उनका शानदार प्रदर्शन है। वे कहती हैं, मैं हर साल
रिकॉर्ड बना रही हूं। 2016 में दिल्ली में सीनियर कॉम्पटीशन में 11.31
सेकेंड के साथ रिकॉर्ड बनाया था।
इंडियन ग्रांप्री में 11.30 सेकेंड के साथ
फिर रिकॉर्ड बनाया और फिर 2018 में भी 11.29 सेकेंड के साथ नया रिकॉर्ड
बनाया। अब एशियाई खेलों में अपने समय को और आगे ले जाना है। हमारी
तैयारियां अच्छी चल रही हैं उम्मीद है कि एशियाई खेलों में अपना
सर्वश्रेष्ठ दे पाऊंगी। दुती इस समय भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला
गोपीचंद की अकादमी में रहते हुए हैदराबाद में अभ्यास कर रही हैं।
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