नई दिल्ली। भारत के पूर्व हाकी खिलाड़ी एवं सांसद दिलीप टिर्की ने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक कहा जाता था कि खेलो कूदोगे तो होगे खराब, लेकिन अब यह धारणा बदल रही है। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खेलो इंडिया विजन में भी इसकी भरपूर झलक दिखती है। बदलते परिवेश में अभिभावक अब अपने बच्चों को क्रिकेट से लेकर टेनिस और हॉकी में भी खेलने के लिए आगे भेज रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हालांकि, मैदान पर खिलाड़ी देश को पदक दिलाता है। लेकिन मेरा मानना है कि एक खिलाड़ी तब तक अपनी भूमिका को पूरा नहीं कर सकता, जब तक कि उसे अच्छा फिजियोथेरेपिस्ट न मिले। खेल के मैदान में जरा सी चूक से खिलाड़ी की मांसपेशियों से लेकर पूरे शरीर में लकवा मार सकता है, जिसे केवल फिजियोथेरेपिस्ट खिलाड़ी के साथ बेहतर तालमेल के जरिए चंद क्षणों में दूर कर सकता है।
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