नई दिल्ली। अपने पहले ही एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की महिला पहलवान दिव्या काकरान के पिता अपनी बेटी की सफलता से बेहद खुश हैं। दिव्या के पिता ने बेटी के पदक जीतने के बाद कहा है कि उनकी बेटी ने चोटिल होने के बावजूद पदक जीता है। दिव्या ने कांस्य पदक के मैच में चीनी ताइपे की चेन वेनलिंग को 10-0 से तकनीकी दक्षता के आधार पर मुकाबला जीत अपने पहले ही एशियाई खेलों में पदक जीता।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दिव्या को मंगोलिया की पहलवान तुमेनटसेटसेग शारखु ने क्वार्टर फाइनल में 11-1 से मात दी थी। क्वार्टर फाइनल में हार के बाद दिव्या का स्वर्ण जीतने का सपना टूट गया था, लेकिन उन्हें कांस्य पदक का मैच खेलने का मौका मिला जहां उन्होंने बाजी मारी। दिव्या ने इस मौके को पूरी तरह से भुनाया और भारत की झोली में पदक डाला। दिव्या के पदक जीतने के कुछ देर बाद उनके पिता सूरज पहलवान ने आईएएनएस से फोन पर कहा, बहुत खुश हूं।
जूनियर एशियन चैम्पियनशिप में भी दिव्या ने पदक जीता था। उससे पहले राष्ट्रमंडल खेलों में भी दिव्या पदक जीतकर आई थी और अब एशियाई खेलों में भी उसने पदक जीत लिया। हमें तो खुशी ही खुशी दे रहा है भगवान। सूरज ने कहा कि दिव्या से एक दिन पहले बात हुई थी उसने कहा था कि उसे चोट की परवाह नहीं है। उसके दिमाग में था कि यह खेल चार साल में एक बार आते हैं इसलिए वह इसका पूरा फायदा उठाना चाहती थी।
एडिलेड टेस्ट : मिशेल स्टार्क की शानदार गेंदबाजी, डिनर ब्रेक तक भारत का स्कोर- 82/4
बुमराह का सामना करने को लेकर ज्यादा तनाव नहीं ले रहा हूं : ट्रेविस हेड
शानदार गेम के बाद डीएफसी ने रियल कश्मीर के हाथों करीबी अंतर से झेली हार
Daily Horoscope