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'अपना टाइम आएगा'! एक बार ट्रायल की मांग से लेकर विश्व विजेता बनने तक शानदार रही है निकहत की कहानी

Apna Time Aayega: From asking for trial once to becoming World Champ, Nikhat Zareen resilience is inspiring - Sports News in Hindi

नई दिल्ली । आज पूरा देश भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन की सफलता का जश्न मना रहा है, जिन्होंने गुरुवार को महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। हालांकि, युवा मुक्केबाज का सफर आसान नहीं रहा है, क्योंकि वह पिछले कुछ वर्षों में बहुत कठिन रास्तों से गुजरी हैं। जो लोग मुक्केबाज को जानते हैं या जिन्होंने उनकी यात्रा को करीब से देखा है, वे बता सकते हैं कि कैसे उन्होंने खेल के प्रति अपने ²ढ़ संकल्प और जुनून को आगे बढ़ाया है।

2019 में निकहत सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही थी, क्योंकि वह ओलंपिक क्वालीफायर के लिए टीम में जगह बनाने के लिए 6 बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम के खिलाफ मैच कराने के लिए खेल मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र लिखने के बाद लोग उनका मजाक उड़ा रहे थे।

युवा मुक्केबाज को उनकी 'निष्पक्ष' अपील के लिए सोशल मीडिया पर बुरी तरह से ट्रोल किया गया था। बाद में उन्हें मुकाबला खेलने को तो मिला, लेकिन वह इस महान मुक्केबाज से 1-9 से हार गईं थी, जिसके बाद मैरी ने मैच के बाद उनसे हाथ मिलाने से भी इनकार कर दिया था।

इतनी शमिर्ंदगी का सामना करते हुए मुक्केबाज कुछ समय के लिए चुप रहीं और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया। उन्होंने हार से उबरने के लिए मीडिया से भी बातचीत करना बंद कर दिया। पिछली बार जब आईएएनएस बॉक्सर से बात करने में कामयाब रहा, तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मेरा टाइम आएगा।

गुरुवार को ट्विटर पर निकहत फिर से ट्रेंड कर रहा थीं और बॉक्सर उत्साहित थी, क्योंकि एक बार फिर से ट्रेंड करना उनका सपना था।

निकहत ने अपनी जीत के बाद कहा, मैं ट्विटर पर ट्रेंड कर रही हूं ट्विटर पर ट्रेंड करना मेरे सपनों में से एक था।

25 वर्षीय मुक्केबाज अपने मौके की प्रतीक्षा कर रही थीं और वह समय तब आया जब मैरी कॉम ने इस साल विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2022 को छोड़ने का फैसला किया। निकहत जानती थी कि यह उसके लिए काबिलियत साबित करने का अच्छा अवसर है। उन्होंने इवेंट के लिए ट्रायल भी जीते।

उन्होंने कोविड-19 ब्रेक के बावजूद अच्छी तरह से ट्रेनिंग ली, जिसके परिणामस्वरूप रिंग के अंदर एक नई निकहत देखी गईं। उसकी गति और शक्ति अतुलनीय थी। जीतने की भूख इतनी थी कि उसने अपने सभी मुकाबले आसानी से जीते। कोई भी विरोधी उनके खिलाफ खड़ा नहीं हो सका।

गुरुवार को उसने इस्तांबुल में स्वर्ण पदक जीतने के लिए 5-0 से जीत दर्ज की। उम्मीदों पर खरा उतरते हुए निकहत ने थाईलैंड के जितपोंग जुतामास को 52 किग्रा फाइनल में बिना पसीना बहाए हरा दिया, जिसमें जजों ने भारत के पक्ष में 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 29-28 स्कोर दिया।

निजामाबाद (तेलंगाना) में जन्मी मुक्केबाज छह बार की चैंपियन मैरी कॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी ( 2006), जेनी आरएल (2006) और लेख केसी (2006) के बाद विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली पांचवीं भारतीय महिला बनीं। 2018 में महान मुक्केबाज मैरी कॉम के जीतने के बाद से यह भारत का पहला स्वर्ण पदक भी था।

--आईएएनएस

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Web Title-Apna Time Aayega: From asking for trial once to becoming World Champ, Nikhat Zareen resilience is inspiring
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