ओडिशा हॉकी विश्व कप में ग्रुप स्तर पर पुरुष टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया
था लेकिन क्वार्टर फाइनल में उसका आत्मविश्वास लडख़ड़ा गया और उसे निराशा
हाथ लिए बाहर होना पड़ा। दोनों ही टीमें खिताबी जीत के बगैर साल का समापन
करने में मजबूर रहीं लेकिन महिला और पुरुष टीमों के खराब प्रदर्शन और उसका
संघर्ष उसके अपने ही घर में बदलते मौसम के कारण रहा। ये भी पढ़ें - टेस्ट सीरीज से बाहर हुए कमिंस व हैजलवुड, ये ले सकते हैं जगह
कोचों की अदला-बदली का
सिलसिला इस साल भी जारी रहा और ऐसे में हरेंद्र सिंह को राष्ट्रमंडल खेलों
के बाद महिला टीम के कोच पद से हटाकर पुरुष टीम का कोच बनाया गया और
शुअर्ड मरेन को महिला टीम के कोच की कमान सौंपी गई। इस दौरान, भारतीय टीम
के सबसे अनुभवी खिलाड़ी सरदार सिंह का अचानक संन्यास की घोषणा करना भी बड़े
स्तर पर चर्चा का विषय रहा।
एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी से उन्हें बाहर रखा
गया और उन्होंने अपनी महत्ता को फीका पड़ता देख संन्यास ले लिया। हालांकि,
सरदार का लक्ष्य टोक्यो ओलम्पिक-2020 में हिस्सा लेना था लेकिन आंतरिक
राजनीति में उन्होंने इस लक्ष्य को छोडऩा ही सबसे सही कदम समझा। अपने इस
साल के खराब प्रदर्शन से सबक लेते हुए भारतीय महिला और पुरुष टीम अगले साल
सधी शुरुआत करना चाहती हैं, लेकिन देखना यह है कि क्या वह ऐसा कर पाने में
सक्षम होती है या फिर 2018 का सिलसिला 2019 में भी जारी रहेगा।
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