दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में दोनों टीमों ने बराबरी का खेल खेला। किस्मत
हालांकि भारत के साथ नहीं थी। मेहमान टीम को 19वें और 23वें मिनट में गोल
के दो मौके मिले जो अंजाम तक नहीं पहुंच सके। ऑस्ट्रेलिया के साथ ऐसा नहीं
हुआ। मिटन के पास 24वें मिनट में अपना दूसरा गोल करने का मौका आया जिसे
उन्होंने भुनाते हुए ऑस्ट्रेलिया को 3-1 से आगे कर दिया। भारत की चिंता कम
नहीं हुई। ये भी पढ़ें - मिताली ने कहा, 1999 में मुझे जब भारत के लिए खेलने का मौका मिला...
28वें मिनट में भारतीय डिफेंडरों की गलती से मेजबान टीम के
हिस्से पेनल्टी कॉर्नर आया और यहां गवर्स ने अपना खाता खोला। हाफ टाइम तक
ऑस्ट्रेलियाई टीम 4-1 से आगे थी। तीसरे क्वार्टर के शुरुआती मिनटों में
ऑस्ट्रेलिया ने कुछ मौके जरूर बनाए लेकिन सफलता नहीं मिली। यही भारत के साथ
भी हो रहा था। 43वें मिनट में अरमान कुरैशी के पास गोल करने का मौका था
जिसे वो गंवा बैठे।
यहां ऑस्ट्रेलिया ने काउंटर किया और टिम ने स्कोर
ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में 5-1 कर दिया। आखिरी क्वार्टर में भारत को ज्यादा
से ज्याद गोल करना था लेकिन वह सिर्फ एक ही गोल कर पाई। 53वें मिनट में
रुपिंदर को पेनल्टी कॉर्नर मिला और इस बार वो सफल रहे। इसके बाद भारतीय टीम
गोल नहीं कर पाई और उसे एक और हार का सामना करना पड़ा।
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