नई दिल्ली| भारतीय महिला हॉकी टीम ने हाल ही में संपन्न बमिर्ंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने के बाद इतिहास रच दिया। 16 साल बाद उनका यह पहला सीडब्ल्यूजी पदक था। कांस्य पदक विजेता टीम का हिस्सा बनकर पूरी तरह रोमांचित 27 वर्षीय मिडफील्डर निशा ने टीम के लिए और अपने करियर के लिए पदक के महत्व के बारे में बताया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, "राष्ट्रमंडल खेलों का यह पदक मेरे लिए हमेशा खास रहेगा क्योंकि मैंने हमेशा प्रतिष्ठित टूनार्मेंटों में पदक जीतने वाली टीमों का हिस्सा बनने का सपना देखा है। हमने हमेशा ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों में अपनी सर्वश्रेष्ठ हॉकी खेलने की कोशिश की है और हमें बमिर्ंघम में शानदार प्रदर्शन करने की खुशी है।"
निशा ने यह भी कहा कि राष्ट्रमंडल पदक उनके लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाला है।
"राष्ट्रमंडल खेलों के बाद निश्चित तौर पर मुझमें काफी आत्मविश्वास आया है। मैं एक शानदार अनुभव का हिस्सा बनकर धन्य महसूस कर रही हूं और प्रतियोगिता के दौरान हमने एक टीम के रूप में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। टीम की सफलता में योगदान देना मेरे लिए बहुत फायदेमंद रहा और मैं आगामी प्रतियोगिता में टीम को और बेहतर बनाने में मदद करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगी।"
भारतीय महिला हॉकी टीम 29 अगस्त को साई, बेंगलुरू में राष्ट्रीय शिविर में लौटेगी। प्रशिक्षण पर लौटने के बाद टीम के फोकस के बारे में बोलते हुए निशा ने कहा, ''सीडब्ल्यूजी के दौरान की गई गलतियों को मैंने नोट किया है और इसे सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे। मुझे लगता है कि टीम सही दिशा में आगे बढ़ रही है और अगर हम अपनी क्षमता के अनुसार खेलते हैं, तो हम निश्चित रूप से सबसे बड़े मुकाबलों में स्वर्ण पदक जीत सकते हैं। हम मैदान पर बहुत अच्छा तालमेल बिठा रहे हैं और मुझे इस टीम का हिस्सा बनकर बेहद खुशी हो रही है।"
--आईएएनएस
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