अब तक के सफर के बारे में पूछे जाने पर नीरज ने कहा, मैंने 2011 में यह खेल
खेलना शुरू किया और इसके साल बाद ही मैंने अंडर-16 का राष्ट्रीय रिकॉर्ड
कायम कर दिया था। नेशनल रिकॉर्ड बनाने के बाद मुझे राष्ट्रीय कैंप के लिए
चुना गया। जब मैं पिछले दिनों को याद करता हूं तो बस यही सोचता हूं कि आज
मैं जो कुछ भी हूं उसके बारे में मैंने कभी सोचा नहीं था। ये भी पढ़ें - शनाका ने गेंदबाजी नहीं बल्लेबाजी में किया कमाल, श्रीलंका जीता
उन्होंने करियर
की शुरुआती चुनौतियों को याद करते हुए कहा, गांव में मैदान नहीं होने के
कारण ट्रेनिंग के लिए मुझे 15-16 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। लेकिन इस
दौरान मेरे परिवार वालों ने मेरी काफी मदद की। इन सबके अलावा मुझे खुद पर
विश्वास था और मैं सच्चे मन से ट्रेनिंग करता था। आज उसी ईमानदारी की मेहनत
का नतीजा है कि मैं यहां हूं। नीरज चेक गणराज्य के ओस्ट्रावा में हुए
कांटिनेंटल कप में पदक जीतने से चूक गए।
टूर्नामेंट में वे पहले ही राउंड
में बाहर हो गए और कुल छठे स्थान पर रहे। कांटिनेंटल कप के बारे में
उन्होंने कहा, नए नियम होने के कारण इसमें अच्छे मुकाबले देखने को मिले। यह
दिमाग का खेल ज्यादा है लेकिन इससे मुझे कुछ नया सीखने को मिला है।
उन्होंने कहा, पहले दो प्रयास में मैंने 79-80 मीटर का थ्रो किया और तीसरे
प्रयास में 85 मीटर का किया। लेकिन तीसरा थ्रो फाउल हो गया था। इस वजह से
मैं इसमें चूक गया। हालांकि मैं इन गलतियों से सीख रहा हूं और आगे इसमें
सुधार करूंगा।
अभिषेक शर्मा ने 63 रनों की तूफानी पारी का श्रेय अपने माता-पिता की मौजूदगी को दिया
ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट में देश की दिग्गज टीमें होंगी आमने-सामने
IPL में व्यूअरशिप का रिकॉर्ड टूटा, ओपनिंग डे पर 16.8 करोड़ का आंकड़ा दर्ज
Daily Horoscope